Brain-Computer Interface: दिमाग के विचार पढ़ने वाला कंप्यूटर बना रहे हैं सैम ऑल्टमैन, एलन मस्क की Neuralink को देंगे टक्कर


 टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया मुकाबला शुरू हो गया है — मानव मस्तिष्क को कंप्यूटर से जोड़ने की दौड़

जहां एलन मस्क की कंपनी Neuralink पहले से ही इस दिशा में काम कर रही है, वहीं अब OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन भी इसी क्षेत्र में कदम रख चुके हैं।
ऑल्टमैन के समर्थन से काम कर रही Merge Labs नाम की कंपनी ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (Brain-Computer Interface - BCI) तैयार करने की दिशा में तेजी से रिसर्च कर रही है।

क्या है Brain-Computer Interface (BCI)?

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस एक ऐसी अत्याधुनिक तकनीक है, जो मानव मस्तिष्क और कंप्यूटर के बीच सीधा संपर्क स्थापित करती है।
इसका उद्देश्य है —

  • विचारों को पढ़कर उन्हें डिजिटल कमांड में बदलना,

  • और इसके माध्यम से कंप्यूटर, मशीन या डिवाइस को बिना बोले या टाइप किए नियंत्रित करना।

यह तकनीक पैरालिसिस (लकवा) या न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है।

Merge Labs की योजना क्या है?

सैम ऑल्टमैन समर्थित Merge Labs का लक्ष्य है ऐसा सिस्टम बनाना, जो दिमाग के विचारों को समझकर कंप्यूटर को निर्देश दे सके।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कंपनी एक नॉन-इनवेसिव (बिना सर्जरी) ब्रेन इंटरफेस पर काम कर रही है — यानी ऐसा उपकरण जो सर्जरी के बिना दिमाग की गतिविधि को पढ़ सके।
कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में यह तकनीक मानव-मशीन सहयोग (Human-AI collaboration) को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है।

Neuralink से कैसे अलग है Merge Labs का प्रोजेक्ट?

  • Neuralink, जिसे एलन मस्क ने शुरू किया, एक इम्प्लांट-बेस्ड डिवाइस पर काम कर रही है, जिसे दिमाग में सर्जरी के जरिए लगाया जाता है।

  • वहीं Merge Labs बिना सर्जरी के दिमाग के सिग्नल्स को पढ़ने की कोशिश कर रही है, जिससे यह कम जोखिमभरा और व्यापक रूप से अपनाया जा सकने वाला विकल्प बन सकता है।

  • Neuralink का लक्ष्य मुख्य रूप से मेडिकल एप्लिकेशन हैं, जबकि Merge Labs का फोकस मानव सोच और AI के मेल को बढ़ाने पर है।

संभावनाएं और चुनौतियां

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक सुनने में जितनी रोमांचक लगती है, उतनी ही जटिल और जोखिमपूर्ण भी है।

  • यह तकनीक इंसानी दिमाग से जुड़ी नैतिक और गोपनीयता की चिंताएं भी बढ़ा सकती है।

  • साथ ही, विचारों को पढ़ने की प्रक्रिया में डेटा सिक्योरिटी और कंसेंट का मुद्दा सबसे अहम रहेगा।

फिर भी, अगर यह तकनीक सफल होती है तो यह इंसान और मशीन के बीच की दूरी लगभग खत्म कर सकती है।

निष्कर्ष

सैम ऑल्टमैन की Merge Labs और एलन मस्क की Neuralink के बीच अब एक नई टेक रेस शुरू हो चुकी है —
जो इंसान के विचारों को डिजिटल वास्तविकता में बदलने की कोशिश है।
भविष्य में शायद हम सिर्फ सोचकर ही कंप्यूटर, मोबाइल या रोबोट को चला सकें।

यानि आने वाला कल इंसान और मशीन के मेल का नहीं, बल्कि “मस्तिष्क और टेक्नोलॉजी” के संगम का होगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ