धनतेरस का पर्व दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है और यह दिन भगवान धनवंतरी की पूजा के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा क्यों की जाती है? इसका संबंध न सिर्फ समृद्धि से है, बल्कि आरोग्य और आयुर्वेद से भी जुड़ा है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब देवताओं और असुरों ने समुद्र का मंथन किया था, तब चौदह रत्नों के रूप में कई दिव्य वस्तुएं और देवता प्रकट हुए थे। इन्हीं में से एक थे भगवान धनवंतरी, जो अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। माना जाता है कि वे भगवान विष्णु के अवतार हैं और आयुर्वेद के जनक भी।
इसलिए धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा करने से न सिर्फ आरोग्य की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन में समृद्धि और दीर्घायु भी बनी रहती है। इस दिन लोग नए बर्तन, सोना-चांदी और धन से जुड़ी चीजें खरीदते हैं, जिसे शुभ माना जाता है।
इसके साथ ही, धनतेरस को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाने लगा है, जिससे लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैले और भगवान धनवंतरी के ज्ञान को सम्मान मिल सके। इस प्रकार, धनतेरस सिर्फ खरीदारी का नहीं, बल्कि आरोग्य, आयुर्वेद और आराधना का पर्व है।
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