पटना मेट्रो : पटना वासियों को मिली आधुनिक रेल सेवा — टाइम टेबल, किराया एवं सुविधाएँ


 चुनाव से पहले आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो के पहले फेज का उद्घाटन किया है। यह सेवा शहरवासियों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। इस लेख में जानिए इस मेट्रो सेवा का रूट, किराया, समय-सारिणी और सुविधाएँ — और यह कैसे पटना की दैनिक आवाजाही को बदल सकती है।

उद्घाटन एवं रूट की जानकारी

पटना मेट्रो की पहली सेवा 4.3 किलोमीटर की दूरी पर तीन स्टेशनों — आईएसबीटी, जीरो माइल और भूतनाथ रोड — के बीच चलेगी।
यह शुरुआती चरण राजधानी पटना के बीच की ओर आवाजाही को आसान बनाने की दिशा में पहला कदम है।

समाचार एजेंसियों की नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, पहला फेज ISBT, जीरो माइल और भूतनाथ स्टेशनों को जोड़ने वाला सेक्शन है, जो रोज सुबह से रात तक संचालन में रहेगा। 
यह मेट्रो “ब्लू लाइन” कॉरिडोर II का हिस्सा होगा, जिसमें प्राथमिक 6.49 किलोमीटर व पांच स्टेशन शामिल हैं — मलाही पकरी, खेमनीचक, भूतनाथ, ज़ीरो माइल और ISBT। 
हालाँकि, प्रारंभिक उद्घाटन में यह सीमित रूट ही संचालित होगा।

 समय-सारिणी (टाइम टेबल)

मेट्रो सेवा दिन के सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक संचालित होगी।
इस बीच नियमित अंतराल पर ट्रेनें चलेंगी ताकि यात्रियों को लंबी प्रतीक्षा न करनी पड़े।
अधिक विस्तृत समय-तालिका (प्रत्येक स्टेशन के आने / जाने का समय) जल्द ही मेट्रो प्राधिकरण द्वारा जारी की जाएगी।

 किराया (Fare)

पहले फेज में किराया न्यूनतम ₹15 तथा अधिकतम ₹30 निर्धारित किया गया है। 
माना जा रहा है कि यह दूरी और स्टेशनों के बीच की दूरी के अनुसार बढ़ेगा।
उदाहरण स्वरूप, एक स्टॉप की यात्रा के लिए ₹15 हो सकती है, जबकि ISBT ↔ भूतनाथ जैसी दूरी के लिए ₹30 तक हो सकता है।

 सुविधाएँ एवं टेक्नोलॉजी

पटना मेट्रो में यात्रियों को आधुनिक सुविधाएँ देने का प्रयास किया गया है। उसमें शामिल हैं:

  • वातानुकूलित कोच

  • सफाई, सुरक्षा और निगरानी के लिए CCTV

  • स्वचालित टिकट प्रणाली

  • प्रतीक्षा क्षेत्र, टिकटिंग कियॉस्क, डिजिटल सूचना बोर्ड

  • लिफ्ट, सीढ़ियाँ, रैंप आदि सुविधाएँ ताकि दिव्यांग लोग भी सुगमता से यात्रा कर सकें 

  • कोच डिजाइन में स्थानीय सांस्कृतिक तत्व (मधुबनी कला) को शामिल किया गया है

प्रत्येक ट्रेन 900 यात्रियों की क्षमता की होगी। 
इस तरह की डिजाइन से यह सुनिश्चित होगा कि च peak समय में भी यातायात दबाव कम हो और अधिक लोग सवारी कर सकें।

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