सत्तू या बेसन जानिए किसमें है सेहत का असली खज़ाना!

भारतीय रसोई में सत्तू और बेसन दोनों ही आम हैं, लेकिन अक्सर लोग यह सोचते हैं कि इनमें से ज्यादा फायदेमंद कौन है? दोनों ही प्रोटीन, फाइबर और एनर्जी के अच्छे स्रोत हैं, लेकिन इनके फायदे और उपयोग थोड़े अलग हैं।

सत्तू, भुने हुए चनों को पीसकर बनाया जाता है। यह प्राकृतिक कूलेंट की तरह काम करता है और गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाता है। सत्तू पचने में हल्का होता है और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसमें आयरन, मैग्नीशियम और फाइबर भरपूर होता है। रोज सुबह खाली पेट सत्तू का शरबत पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और ऊर्जा मिलती है।

बेसन, कच्चे चनों को पीसकर बनाया जाता है और यह रोटियों से लेकर पकौड़ों तक, कई व्यंजनों में इस्तेमाल होता है। बेसन में भी प्रोटीन और फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, लेकिन यह सत्तू की तुलना में थोड़ा भारी होता है। बेसन का इस्तेमाल स्किन के लिए भी किया जाता है, जैसे फेसपैक आदि में।

यदि बात की जाए गर्मी में उपयोग की, तो सत्तू ज्यादा फायदेमंद है। वहीं, बेसन सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। दोनों ही सेहतमंद हैं बस मौसम, उपयोग और शरीर की ज़रूरत के अनुसार सही चुनाव करना ज़रूरी है।

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