दोपहर की नींद, आलस नहीं, सेहत का खज़ाना! जानिए फायदे और सतर्कता


भागदौड़ भरी ज़िंदगी में दोपहर की एक झपकी अक्सर आलस या समय की बर्बादी समझी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिक रूप से यह सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है?

विशेषज्ञों के अनुसार, दोपहर में 15 से 30 मिनट की नींद न केवल दिमाग को तरोताजा करती है, बल्कि कार्यक्षमता, एकाग्रता और मूड को भी बेहतर बनाती है। इस प्रक्रिया को ‘पावर नैप’ कहा जाता है। यह थकान को दूर करने के साथ-साथ दिल की सेहत और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी मानी जाती है।

अध्ययन बताते हैं कि जो लोग नियमित रूप से दोपहर में सीमित समय की नींद लेते हैं, उनमें हृदय रोगों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, यह नींद तनाव कम करने, याददाश्त बढ़ाने और रचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करने में मदद करती है।

हालांकि, जरूरत से ज़्यादा देर की नींद– यानी 1 घंटे से अधिक उल्टा असर डाल सकती है। इससे रात की नींद प्रभावित होती है, शरीर सुस्त महसूस करता है और सिरदर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

इसलिए यदि आप दोपहर में नींद लेते हैं, तो उसका समय सीमित रखें और उसे दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। सही ढंग से ली गई छोटी झपकी आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकती है। दोपहर की नींद अब सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बड़ों की सेहत के लिए भी ज़रूरी है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ