भारत में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक नई खबर सामने आई है। जल्द ही फ्लाइट में पावर बैंक का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया जा सकता है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियां इस संबंध में नई गाइडलाइन्स तैयार कर रही हैं।
क्यों लग सकता है बैन?
पावर बैंक, जिसे हम मोबाइल चार्जिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं, कई बार सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकता है। एयरलाइन और सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार:
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ओवरहीटिंग का खतरा: पावर बैंक में लीथियम बैटरी होती हैं, जो ओवरहीट होने पर आग या विस्फोट का कारण बन सकती हैं।
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फ्लाइट सुरक्षा: उच्च क्षमता वाले पावर बैंक हवाई जहाज की सुरक्षा उपकरणों पर असर डाल सकते हैं।
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अनियंत्रित चार्जिंग: कुछ सस्ते और नकली पावर बैंक में सुरक्षा मानकों की कमी होती है, जो गंभीर हादसों का कारण बन सकती है।
नई गाइडलाइन्स में क्या हो सकता है शामिल?
सरकार और एयरलाइन्स ने पावर बैंक यूज के नियमों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। संभावित गाइडलाइन्स में निम्न बातें शामिल हो सकती हैं:
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किसी विशेष क्षमता से ऊपर पावर बैंक की अनुमति नहीं: जैसे 100Wh से अधिक क्षमता वाले पावर बैंक फ्लाइट में ले जाना प्रतिबंधित होगा।
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केबिन बैग में ही ले जाने की शर्त: पावर बैंक को चेक-इन बैग में नहीं रखा जा सकेगा।
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सर्टिफिकेशन अनिवार्य: केवल मान्यता प्राप्त ब्रांड और सर्टिफाइड पावर बैंक की अनुमति दी जा सकती है।
यात्रियों को क्या होगी मुश्किल?
यदि पावर बैंक पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया, तो यात्रियों को लंबी उड़ानों में अपने मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप चार्ज करने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, एयरपोर्ट सुरक्षा चेक के दौरान यात्रियों को अतिरिक्त समय देना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
पावर बैंक का फ्लाइट में इस्तेमाल प्रतिबंधित करने का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और हवाई यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हालांकि, इससे यात्रियों को असुविधा जरूर होगी, लेकिन यह कदम दुर्घटनाओं और सुरक्षा खतरों को कम करने में मदद करेगा।
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