छठ पूजा आस्था, श्रद्धा और प्रकृति के प्रति आभार का महापर्व। इस दिन महिलाएँ निर्जला उपवास रखकर सूर्य देव और छठी माई की पूजा करती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि छठ में डूबते और उगते सूर्य दोनों को अर्घ्य क्यों दिया जाता है? इसके पीछे सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण भी हैं।
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का अर्थ है दिनभर की ऊर्जा, उपलब्धियों और जीवन के संघर्षों के प्रति आभार व्यक्त करना। यह हमें सिखाता है कि हर अंत अपने साथ नई शुरुआत लेकर आता है। सूर्य के अस्त होते समय वातावरण में पराबैंगनी किरणें कम होती हैं, और इस समय सूर्य की ओर मुख करके अर्घ्य देना शरीर के लिए लाभदायक माना जाता है।
उगते सूर्य को अर्घ्य जीवन के पुनर्जन्म और नई ऊर्जा का प्रतीक है। यह सकारात्मकता, उम्मीद और नए आरंभ का संदेश देता है। वैज्ञानिक दृष्टि से, सुबह की धूप विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत होती है, जो शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखती है।
छठ पूजा हमें सिखाती है कि प्रकृति के हर चक्र में जीवन का संदेश छिपा है जहाँ अस्त होता सूर्य विदाई देता है, वहीं उगता सूर्य नई शुरुआत का वादा करता है। यही तो है छठ पूजा की खूबसूरती आस्था, विज्ञान और जीवन दर्शन का अद्भुत संगम।
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