अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर के बढ़ते दबाव के बीच भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण डॉलर के सामने रुपये ने कमजोर प्रदर्शन किया और निवेशकों की चिंता बढ़ गई।
हालांकि, घरेलू शेयर बाजारों ने इस कमजोरी के बावजूद शुरुआती कारोबार में तेजी का प्रदर्शन किया।
बीएसई सेंसेक्स ने 246.32 अंक की बढ़त के साथ 82,573.37 अंक पर कारोबार शुरू किया।
एनएसई निफ्टी 50 83 अंक चढ़कर 25,310.35 अंक पर खुला।
विश्लेषकों के अनुसार, रुपये की कमजोरी का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय आर्थिक तनाव और विदेशी निवेशकों का सतर्क रहना है। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से इंपोर्ट लागत बढ़ सकती है, लेकिन निर्यातकों को लाभ मिलने की संभावना भी है।
शेयर बाजारों में बढ़त का कारण घरेलू निवेशकों की खरीदारी और कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन को माना जा रहा है। विशेषकर आईटी और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में शुरुआती तेजी देखी गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर लंबा खिंचता है, तो रुपये की कमजोरी जारी रह सकती है और इसके प्रभाव से इन्फ्लेशन और आयात-निर्यात पर असर पड़ सकता है। वहीं, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा, लेकिन घरेलू निवेशकों का रुझान फिलहाल सकारात्मक दिख रहा है।
कुल मिलाकर, वैश्विक तनाव और रुपये की कमजोरी के बावजूद बाजार ने शुरुआती कारोबार में तेजी दिखाई, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
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