पेपर लीक प्रकरण: यूकेएसएसएससी परीक्षा रद्द, जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला


 उत्तराखंड में एक बार फिर से पेपर लीक प्रकरण ने बड़ा मोड़ ले लिया है। यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) द्वारा आयोजित परीक्षा को सरकार ने रद्द करने का निर्णय लिया है। यह फैसला राज्य सरकार को सौंपी गई जांच आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के बाद लिया गया, जिसमें गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।

राज्य सरकार द्वारा इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित किया गया था, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी कर रहे थे। आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी, जिसमें परीक्षा प्रक्रिया में कई स्तरों पर लापरवाही और गड़बड़ी की बात सामने आई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि परीक्षा की पारदर्शिता और विश्वसनीयता प्रभावित हुई है, जिससे योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ।

मुख्यमंत्री धामी ने रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद तुरंत बैठक बुलाकर संबंधित विभागों से विचार-विमर्श किया। इसके बाद सरकार ने यूकेएसएसएससी परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया और कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि “किसी भी कीमत पर युवाओं के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। राज्य सरकार की प्राथमिकता पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।”

सरकार ने साथ ही यह भी घोषणा की कि नई परीक्षा जल्द से जल्द कराई जाएगी ताकि अभ्यर्थियों का समय बर्बाद न हो। साथ ही भर्ती प्रणाली को और अधिक सुरक्षित और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए नई मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई जा रही है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में यूकेएसएसएससी की कई परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे हजारों युवाओं में आक्रोश है। इस बार आयोग की रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि लापरवाही केवल निचले स्तर पर नहीं बल्कि उच्च स्तर तक फैली हुई थी।

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह फैसला प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल युवाओं का भरोसा बहाल होगा बल्कि भविष्य की भर्तियों में निष्पक्षता भी सुनिश्चित होगी। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर कब और कैसी कार्रवाई होती है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ