बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कई ओपिनियन पोल और सर्वे आए थे, जिनमें अलग-अलग पार्टियों के प्रदर्शन का अनुमान लगाया गया। उस बार आरजेडी (Rashtriya Janata Dal) को 75 सीटों पर जीत मिली थी और यह विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वहीं, भाजपा (BJP) को 74, जेडीयू (JDU) को 43, कांग्रेस को 19 और CPIML को 12 सीटें मिली थीं।
हालांकि, अधिकांश ओपिनियन पोल ने अनुमान लगाया था कि बीजेपी और जेडीयू गठबंधन मजबूत बनेगा, लेकिन वास्तविक नतीजे आरजेडी की बढ़त के पक्ष में रहे। इस तरह, कुछ पोल सही साबित हुए, जबकि कई ने वास्तविक स्थिति का सही अनुमान नहीं लगाया।
इस बार के सर्वे क्या संकेत दे रहे हैं?
2025 के चुनाव के लिए शुरुआती सर्वे और पोल जारी होने लगे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार बिहार में जनता का मूड काफी बदल चुका है, और पार्टियों के बीच मुकाबला और भी कड़ा होने वाला है। हाल के आंकड़ों और ट्रेंड्स के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि:
-
आरजेडी की पकड़ मजबूत बनी हुई है, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
-
बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन शहरी और कुछ पिछड़े जिलों में बढ़त बना सकता है।
-
नई युवा और स्थानीय मुद्दों पर आधारित पार्टियों को भी कुछ सीटों पर असर दिख सकता है।
निष्कर्ष
2020 के चुनाव में ओपिनियन पोल पूरी तरह सही साबित नहीं हुए थे, लेकिन इस बार के सर्वे और पोल बिहार की राजनीतिक तस्वीर को समझने का शुरुआती संकेत दे रहे हैं। चुनाव के अंतिम नतीजे आने तक राजनीतिक हलचल और गठबंधनों की भूमिका निर्णायक साबित होगी।
.jpg)
0 टिप्पणियाँ