ASEAN Meeting 2025: मलेशिया में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मिले एस. जयशंकर, भारत-अमेरिका संबंधों पर हुई अहम चर्चा


मलेशिया में चल रहे आसियान (ASEAN) विदेश मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक हुई। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी, क्षेत्रीय सुरक्षा, इंडो-पैसिफिक सहयोग, और व्यापारिक संबंधों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।

भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा

बैठक के दौरान जयशंकर और रूबियो ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई। दोनों नेताओं ने रक्षा, प्रौद्योगिकी, व्यापार और ऊर्जा सहयोग को गहराने के उपायों पर विचार किया। वहीं, रूबियो ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को अत्यंत महत्व देता है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि —

“भारत को समझना चाहिए कि हमें कई देशों के साथ संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है। हम पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने का अवसर देखते हैं।”

रूबियो के इस बयान ने बैठक के दौरान चर्चा को नया मोड़ दिया, क्योंकि यह स्पष्ट संकेत था कि अमेरिका दक्षिण एशिया में संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।

जयशंकर ने दिया संतुलित जवाब

सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के इस रुख पर संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा “साझेदारी आधारित, न कि निर्भरता आधारित” विदेश नीति का पालन करता है। भारत किसी भी देश के साथ संबंधों को अन्य देशों के दृष्टिकोण से नहीं देखता। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को लेकर अमेरिका के साथ मिलकर काम करता रहेगा।

आसियान में भारत की सक्रिय भूमिका

इस बैठक से पहले जयशंकर ने ASEAN-India Foreign Ministers’ Meeting में भी भाग लिया, जहां उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ समुद्री सुरक्षा, ब्लू इकोनॉमी, और आपसी संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया। भारत ने दोहराया कि वह “Act East Policy” के तहत आसियान देशों के साथ गहरे आर्थिक और रणनीतिक संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भविष्य की दिशा

विश्लेषकों का मानना है कि यह बैठक भारत-अमेरिका संबंधों में एक नई रणनीतिक स्पष्टता लाने वाली साबित हो सकती है। जहां एक ओर दोनों देश वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के पाकिस्तान से संबंधों पर भारत की नजर बनी रहेगी।

मलेशिया में हुई यह बैठक न केवल भारत-अमेरिका कूटनीति का महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि यह आने वाले समय में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की रणनीतिक संतुलन नीति को भी दिशा दे सकती है

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