Arattai App: क्या है स्वदेशी चैटिंग ऐप का अमेरिकी कनेक्शन? कंपनी के पते पर उठे सवाल, Zoho फाउंडर ने दी सफाई


 स्वदेशी मैसेजिंग एप Arattai (अरत्ताई) एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, सोशल मीडिया पर यूजर्स इस ऐप के डेवलपर एड्रेस को देखकर भड़क उठे हैं। उनका कहना है कि यह ऐप “Made in India” होने का दावा तो करता है, लेकिन इसका पता अमेरिका (USA) का दिखाया जा रहा है। इस बात को लेकर ट्विटर (X) और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स के बीच ‘स्वदेशी बनाम विदेशी’ की बहस छिड़ गई है।

क्या है Arattai App?

Arattai तमिल भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है “बातचीत” या “गपशप”। यह ऐप भारतीय कंपनी Zoho Corporation ने बनाया है, जो भारत की प्रमुख टेक कंपनियों में से एक है।
Arattai को WhatsApp के भारतीय विकल्प के रूप में पेश किया गया था, जिसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, ग्रुप चैट, फाइल शेयरिंग, वॉइस और वीडियो कॉलिंग जैसी सुविधाएं दी गई हैं।

अमेरिकी एड्रेस को लेकर क्यों मचा बवाल?

हाल ही में कई यूजर्स ने ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर देखा कि Arattai ऐप के डेवलपर के रूप में “Zoho Corporation, Austin, Texas, USA” का पता दर्ज है।
इस पर लोगों ने सवाल उठाए कि अगर ऐप पूरी तरह स्वदेशी है, तो इसका डेवलपर एड्रेस अमेरिका का क्यों है?
कई यूजर्स ने इसे “भ्रामक मार्केटिंग” बताया, जबकि कुछ ने कहा कि यह ऐप भारत की बजाय अमेरिका में रजिस्टर्ड कंपनी से जुड़ा हुआ लगता है।

Zoho फाउंडर ने दिया जवाब

इस विवाद पर खुद Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू सामने आए। उन्होंने स्पष्ट किया कि:

“Arattai पूरी तरह भारत में डेवलप की गई ऐप है। इसका सर्वर, डेवलपमेंट टीम और डेटा सेंटर — सभी भारत में स्थित हैं।
अमेरिकी पता सिर्फ कंपनी के ग्लोबल रजिस्ट्रेशन से जुड़ा एक औपचारिक विवरण है।”

वेम्बू ने आगे कहा कि Zoho का मुख्यालय चेन्नई और तिरुपुर, तमिलनाडु में है, और कंपनी ने भारत में हजारों युवाओं को रोजगार दिया है।

यूजर्स का मिला-जुला रुख

कुछ यूजर्स Zoho की सफाई से संतुष्ट दिखे, जबकि कुछ ने पारदर्शिता की मांग की कि ऐप्स को अपने डेटा स्टोरेज और रजिस्ट्रेशन लोकेशन स्पष्ट रूप से बताना चाहिए।
कई लोगों ने यह भी कहा कि इस विवाद से साफ है कि भारत में ‘डेटा लोकलाइजेशन’ और ‘स्वदेशी डिजिटल भरोसा’ पर और काम करने की जरूरत है।

निष्कर्ष

Arattai ऐप भले ही भारतीय कंपनी Zoho का उत्पाद है, लेकिन उसका अमेरिकी पता सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ चुका है।
कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह ऐप पूरी तरह भारत में बनी और भारत में संचालित है। फिर भी, यह विवाद एक अहम सवाल उठाता है —

“क्या सिर्फ ‘स्वदेशी नाम’ काफी है, या डिजिटल आत्मनिर्भरता के लिए पारदर्शिता भी उतनी ही जरूरी है?”

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