भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती
आज, 15 अक्टूबर 2025 को भारत के महान वैज्ञानिक, पूर्व राष्ट्रपति और युवाओं के प्रेरणास्रोत डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती मनाई जा रही है। उन्हें न सिर्फ भारत का मिसाइल मैन कहा जाता है, बल्कि वे करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक भी हैं। उनकी जन्मतिथि को देश भर में ‘विश्व विद्यार्थी दिवस (World Students’ Day)’ के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. कलाम ने अपने जीवन से यह साबित किया कि साधारण परिस्थितियों से उठकर भी व्यक्ति अद्भुत ऊंचाइयां हासिल कर सकता है, अगर उसमें सपने देखने और उन्हें पूरा करने की लगन हो।
संघर्ष से सफलता तक की कहानी
15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे अब्दुल कलाम का बचपन बहुत साधारण था। उन्होंने अखबार बेचकर अपनी पढ़ाई जारी रखी। लेकिन उनका सपना था कि वे देश के लिए कुछ बड़ा करें। इस सपने ने उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) तक पहुंचाया।
डॉ. कलाम ने अग्नि और पृथ्वी मिसाइल परियोजनाओं में अहम भूमिका निभाई और भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में बड़ा योगदान दिया। बाद में वे देश के 11वें राष्ट्रपति बने और अपनी सादगी, ईमानदारी और विनम्रता से लोगों के दिलों में जगह बनाई।
डॉ. कलाम के प्रेरणादायक विचार
डॉ. अब्दुल कलाम ने हमेशा युवाओं को सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा दी। उनके कुछ अनमोल विचार आज भी हर व्यक्ति के लिए मार्गदर्शन हैं:
“सपना वो नहीं जो आप सोते वक्त देखते हैं, सपना वो है जो आपको सोने नहीं देता।”
“अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलना सीखिए।”
“सफलता की कहानियां मत पढ़ो, उनसे केवल संदेश मिलता है। असफलता की कहानियां पढ़ो, उनसे सफलता पाने के रास्ते मिलते हैं।”
“महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा सच होते हैं।”
कलाम के विचारों को जीवन में आत्मसात करें
डॉ. कलाम की जयंती पर आइए, हम सब उनके विचारों से प्रेरणा लें और अपने जीवन में आत्मसात करें। वे हमेशा कहते थे कि हर व्यक्ति में एक ‘चमकता हुआ सितारा’ छिपा है — बस उसे पहचानने और मेहनत करने की जरूरत है।
उनकी शिक्षा, ईमानदारी और समर्पण आज भी हर भारतीय को यह याद दिलाते हैं कि सच्ची प्रगति तभी संभव है, जब हम सपनों को कर्म से जोड़ें।
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