दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहरों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) इन दिनों अपने चरम पर है। प्रदूषण सिर्फ सांस की समस्या ही नहीं बनाता, बल्कि यह हमारे आंखों और संपूर्ण स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है। हवा में मौजूद धूल, धुआं, पीएम2.5, पीएम10 और हानिकारक गैसें सीधे आंखों की सतह को नुकसान पहुंचा सकती हैं और दृष्टि से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
प्रदूषण का आंखों पर प्रभाव
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जलन और खुजली: प्रदूषित हवा आंखों को लगातार ड्राई कर सकती है, जिससे जलन और खुजली होती है।
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लालिमा और सूजन: धूल और धुआं आंखों में प्रवेश कर कंजंक्टिवाइटिस जैसी समस्या पैदा कर सकता है।
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दृष्टि में अस्थायी बदलाव: लंबे समय तक प्रदूषण में रहने से दृष्टि अस्थायी रूप से धुंधली हो सकती है।
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गंभीर नुकसान: लगातार प्रदूषण का संपर्क ग्लॉकोमा या रेटिना जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
बाहर निकलते समय बरतें ये सावधानियां
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मास्क का उपयोग: PM2.5 और PM10 से बचने के लिए हमेशा एन-95 मास्क या अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनें।
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धूप का चश्मा: आंखों को धूल और धुआं से बचाने के लिए बाहर निकलते समय UV प्रोटेक्शन वाले धूप के चश्मे पहनें।
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आंखों की सफाई: बाहर से आने के बाद आंखों को हल्के गुनगुने पानी या सलाइन ड्रॉप से धोएं।
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आर्टिफिशियल टियर्स (Eye Drops): यदि आंखों में जलन या सूखापन हो, तो सलाइन या ल्यूब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
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घर में एयर प्यूरीफायर: कमरे में एयर प्यूरीफायर रखने से घर के अंदर हवा शुद्ध रहती है और आंखों पर प्रदूषण का असर कम होता है।
सुरक्षित रहने के अन्य उपाय
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ज्यादा समय बाहर प्रदूषण भरी जगहों पर न बिताएं।
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हवा की गुणवत्ता (AQI) की जानकारी मोबाइल ऐप या वेबसाइट से लगातार देखें।
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अगर आंखों में लगातार जलन, लालिमा या धुंधला दिखाई दे तो तुरंत ऑप्टोमेट्रिस्ट या नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।
निष्कर्ष
वायु प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों का ही नहीं, बल्कि आंखों का भी स्वास्थ्य बिगाड़ सकता है। बाहर निकलने से पहले सही सावधानियां बरतने से आप आंखों की रोशनी और संपूर्ण स्वास्थ्य दोनों को सुरक्षित रख सकते हैं। इसलिए मास्क, धूप के चश्मे और उचित सफाई को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचें
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