आंध्र प्रदेश में बनेगा एशिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर: गूगल करेगा ₹8,730 करोड़ का निवेश

Google Data Centre In India:

भारत के डिजिटल भविष्य को नई रफ्तार देने के लिए टेक दिग्गज गूगल (Google) ने एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एशिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर क्लस्टर स्थापित करने की घोषणा की है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ भारत बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए डेटा स्टोरेज और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का हब बनने जा रहा है।

गूगल इस मेगा प्रोजेक्ट में करीब 10 बिलियन डॉलर (लगभग ₹8,730 करोड़) का भारी-भरकम निवेश करेगी। यह निवेश भारत में अब तक किसी टेक कंपनी द्वारा डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में किया गया सबसे बड़ा निवेशों में से एक होगा।

भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मिलेगी नई ऊंचाई

विशाखापट्टनम में बनने वाला यह डेटा सेंटर भारत के बढ़ते क्लाउड सर्विसेज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा स्टोरेज की मांग को पूरा करेगा। इसके जरिए देश की लाखों कंपनियां, स्टार्टअप्स और सरकारी संस्थान तेज़, सुरक्षित और स्थानीय रूप से संचालित डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट भारत सरकार की “डिजिटल इंडिया” पहल को भी मजबूत करेगा और देश में हाई-कैपेसीटी नेटवर्किंग, ऊर्जा-कुशल डेटा प्रबंधन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नए मानक स्थापित करेगा।

रोजगार और स्थानीय विकास में बड़ा योगदान

इस प्रोजेक्ट से आंध्र प्रदेश में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। गूगल ने राज्य सरकार के साथ साझेदारी में पर्यावरण के अनुकूल (Green Energy-based) इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का भी वादा किया है। इसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से डेटा सेंटर को संचालित करना है, जिससे यह पूरी तरह कार्बन न्यूट्रल हो सके।

एशिया में भारत की स्थिति और मजबूत

इस डेटा सेंटर के निर्माण के बाद भारत एशिया में डेटा हब के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा। इससे न केवल भारतीय उपयोगकर्ताओं को तेज़ इंटरनेट और बेहतर डेटा सुरक्षा मिलेगी, बल्कि वैश्विक कंपनियों के लिए भारत एक प्रमुख तकनीकी निवेश गंतव्य (Tech Investment Destination) के रूप में उभरेगा।

निष्कर्ष

गूगल का यह कदम भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। विशाखापट्टनम में बनने वाला यह विशाल डेटा सेंटर न केवल तकनीकी दृष्टि से भारत को सशक्त बनाएगा, बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा।

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