ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती लत
आजकल बच्चे घंटों मोबाइल, टैबलेट या कंप्यूटर स्क्रीन पर गेम खेलते रहते हैं। शुरू में यह सिर्फ मनोरंजन लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यह लत में बदल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक गेमिंग बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित कर सकती है। आंखों की रोशनी कमजोर होना, मोटापा, नींद की कमी और सामाजिक व्यवहार में गिरावट इसके कुछ सामान्य प्रभाव हैं।
1. समय सीमा तय करें
बच्चों के लिए गेमिंग की अवधि निर्धारित करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए:
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सप्ताह में केवल 1-2 घंटे।
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दिन में गेमिंग से पहले होमवर्क या अन्य जिम्मेदारियाँ पूरी कराना।
समय सीमा तय करने से बच्चे की दिनचर्या संतुलित रहती है और स्क्रीन टाइम नियंत्रित होता है।
2. सक्रिय विकल्प प्रदान करें
बच्चों को केवल गेमिंग तक सीमित न रखें। उन्हें खेलकूद, कला, संगीत या अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने के अवसर दें। जब बच्चे अन्य गतिविधियों में व्यस्त होंगे, तो स्क्रीन पर बिताया समय अपने आप कम हो जाएगा।
3. गेमिंग कंटेंट पर निगरानी
हर गेम का कंटेंट बच्चे के लिए उपयुक्त नहीं होता। माता-पिता को चाहिए कि वे:
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बच्चों द्वारा खेले जा रहे गेम्स की सामग्री और उम्र उपयुक्तता जांचें।
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हिंसक या अत्यधिक प्रतिस्पर्धी गेम्स से बचाएं।
4. सकारात्मक प्रोत्साहन दें
बच्चों की स्क्रीन से हटने की कोशिशों को पुरस्कार या प्रशंसा के माध्यम से प्रोत्साहित करें। उदाहरण के लिए, गेमिंग की जगह पढ़ाई या खेलकूद में समय देने पर सराहना करें। यह उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देगा।
5. परिवार के साथ समय बिताएं
परिवार के साथ बिताया गया समय बच्चों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण हो सकता है। डिनर, आउटडोर गेम्स या सामूहिक गतिविधियों में बच्चों को शामिल करें। इससे उन्हें स्क्रीन से दूर रहने और सामाजिक कौशल विकसित करने का मौका मिलेगा।
निष्कर्ष
ऑनलाइन गेमिंग की लत केवल बच्चों के मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि उनकी स्वास्थ्य और विकास पर असर डालने वाला गंभीर मुद्दा बन सकता है। माता-पिता और अभिभावकों के लिए यह आवश्यक है कि वे बच्चों की आदतों पर नजर रखें, समय सीमा तय करें और उन्हें सक्रिय, रचनात्मक और परिवार-केंद्रित गतिविधियों में जोड़ें।
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