France Political Crisis: प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर बढ़ा दबाव, देश में नई राजनीतिक दिशा तय करने की चुनौती
फ्रांस में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद देश एक नए सियासी दौर में प्रवेश कर चुका है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संकेत दिया है कि वे अगले 48 घंटे के भीतर नए प्रधानमंत्री का ऐलान कर सकते हैं। यह फैसला फ्रांस की राजनीति में निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि मौजूदा समय में सरकार पर जनता का भरोसा कमजोर पड़ता नजर आ रहा है।
क्यों दिया लेकोर्नू ने इस्तीफा?
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री लेकोर्नू ने बढ़ते आर्थिक संकट, जनता के असंतोष और संसद में सरकार की घटती पकड़ के चलते इस्तीफा देने का निर्णय लिया। हाल ही में हुए स्थानीय चुनावों में राष्ट्रपति मैक्रों की पार्टी को भारी झटका लगा था, जिससे सरकार की स्थिति और कमजोर हो गई।
इस्तीफा सौंपते वक्त लेकोर्नू ने कहा, “देश को नई दिशा और नई ऊर्जा की आवश्यकता है, इसलिए मैं अपने पद से हटने का निर्णय ले रहा हूं।”
राष्ट्रपति मैक्रों के सामने तीन बड़े विकल्प
अब राष्ट्रपति मैक्रों के पास तीन संभावित विकल्प हैं—
1. राजनीतिक संतुलन साधने वाला नेता चुनना: ऐसा व्यक्ति जो संसद में विपक्ष के साथ समझौता कर सके और गठबंधन को स्थिरता दे सके।
2. टेक्नोक्रेट प्रधानमंत्री: एक अनुभवी प्रशासक या अर्थशास्त्री, जो राजनीतिक दबाव से दूर रहकर देश के आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर सके।
3. अगले चुनावों की तैयारी वाला चेहरा: ऐसा नेता जिसे जनता के बीच लोकप्रियता हो और जो 2027 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी की छवि मजबूत कर सके।
विपक्ष का रुख और जनता की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति मैक्रों पर तीखा हमला बोला है। लेफ्ट ब्लॉक और नेशनल रैली पार्टी ने कहा है कि बार-बार नेतृत्व परिवर्तन से जनता का भरोसा डगमगा रहा है। वहीं, पेरिस और मार्से जैसी प्रमुख शहरों में प्रदर्शनकारियों ने आर्थिक सुधारों और बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
फ्रांस की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जनता चाहती है कि नया प्रधानमंत्री “जनता के मुद्दों” पर फोकस करे और रोजगार व सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता दे।
आगे की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मैक्रों का अगला कदम उनके शेष कार्यकाल की दिशा तय करेगा। यदि वे सही संतुलन साधने में सफल रहते हैं, तो यह संकट उनके लिए अवसर में भी बदल सकता है।
फिलहाल पूरे फ्रांस की निगाहें एलिसी पैलेस पर टिकी हैं—जहां से आने वाले 48 घंटों में देश के नए प्रधानमंत्री का नाम सामने आ सकता है, और उसके साथ फ्रांस की नई राजनीतिक कहानी की शुरुआत होगी।
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