35 साल के बाद जरूर कराएं ये 4 स्क्रीनिंग टेस्ट: समय रहते कैंसर का पता लगाना जरूरी


 जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में विभिन्न बदलाव होते हैं। विशेषकर 35 साल की उम्र के बाद पुरुष और महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराने की सलाह दी जाती है। समय रहते स्वास्थ्य जांच कराने से गंभीर बीमारियों, खासकर कैंसर का पता शुरुआती अवस्था में ही लगाया जा सकता है।

क्यों जरूरी है स्क्रीनिंग टेस्ट?

स्क्रीनिंग टेस्ट का उद्देश्य रोग के लक्षण दिखने से पहले ही संभावित बीमारी का पता लगाना है। इससे इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है और रोग का गंभीर होना टाला जा सकता है। 35 साल की उम्र के बाद, जीवनशैली, खानपान और हार्मोनल बदलाव के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

4 जरूरी स्क्रीनिंग टेस्ट

  1. ब्लड प्रेशर और शुगर टेस्ट

    • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ शुरुआती अवस्था में अक्सर लक्षण नहीं दिखाते।

    • नियमित ब्लड प्रेशर और फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट से समय रहते इनका पता लगाया जा सकता है।

  2. कोलोन कैंसर स्क्रीनिंग (Colonoscopy / Stool Test)

    • 35 साल से ऊपर लोगों में कोलोन या आंत्र कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

    • Colonoscopy या Stool Test से प्रारंभिक अवस्था में ही कैंसर के लक्षण पकड़े जा सकते हैं।

  3. ब्रेस्ट कैंसर और स्त्री स्वास्थ्य जांच

    • महिलाओं के लिए 35 साल के बाद ब्रेस्ट कैंसर की जांच बेहद जरूरी है।

    • सैल्फ-एक्ज़ाम और मैमोग्राफी के माध्यम से शुरुआती चेतावनी संकेत पहचानना आसान होता है।

  4. प्रोस्टेट और पुरुष स्वास्थ्य जांच

    • पुरुषों के लिए प्रोस्टेट कैंसर की जांच जरूरी है।

    • PSA (Prostate-Specific Antigen) टेस्ट समय रहते प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने में मदद करता है।

निष्कर्ष

35 साल की उम्र के बाद स्वास्थ्य की नियमित स्क्रीनिंग अनिवार्य है। ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलोन, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर की जांच से जीवन को सुरक्षित बनाया जा सकता है। शुरुआती अवस्था में बीमारी का पता लगना इलाज को आसान और सफल बनाता है।

स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें और नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट कराते रहें, ताकि किसी भी गंभीर बीमारी से समय रहते निपटा जा सके।

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