अयोध्या में भव्य राम मंदिर एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही मंदिर के मुख्य शिखर पर 22 फीट लंबे भगवा ध्वज को फहराएंगे। यह ध्वज त्रिकोणीय आकृति में होगा और इसकी चौड़ाई लगभग 11 फीट रखी गई है। इस आयोजन को मंदिर परिसर में एक महत्वपूर्ण और धार्मिक रूप से अत्यंत पवित्र अनुष्ठान माना जा रहा है।
ध्वज का रंग भगवा (केसरिया) तय किया गया है, जो सनातन संस्कृति, वीरता, और त्याग का प्रतीक है। यह रंग भगवान श्रीराम के आदर्शों और भारत की आध्यात्मिक परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है। ध्वज के निर्माण में विशेष कपड़े का उपयोग किया गया है, जो मौसम और हवा के तेज दबाव को सहन करने में सक्षम है। इसे तैयार करने में पारंपरिक कारीगरों ने महीनों तक मेहनत की है।
मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, यह ध्वज केवल एक प्रतीक नहीं बल्कि “अखंड आस्था और राष्ट्र के गौरव” का चिह्न होगा। इसे विशेष मंत्रोच्चारण और वैदिक विधि से मंदिर के शिखर पर फहराया जाएगा। आयोजन के दौरान कई धार्मिक संत, विद्वान और हजारों श्रद्धालु मौजूद रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह कार्यक्रम मंदिर के पूर्णता चरण की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि ध्वज फहराने से पहले विशेष पूजा और यज्ञ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर के प्रमुख तीर्थस्थानों के पुजारी शामिल होंगे।
ध्वज फहराने का यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक भी बनेगा। अयोध्या नगरी को इस अवसर पर भव्य रूप से सजाया जा रहा है — सड़कों पर रोशनी, पुष्प सजावट और पारंपरिक संगीत से पूरा शहर उत्सव के रंग में रंगेगा।
मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि राम मंदिर का शिखर अब “भगवा आभा” से आलोकित होगा, जो हर आने वाले श्रद्धालु के लिए आस्था, समर्पण और राष्ट्रभावना का प्रेरक प्रतीक बनेगा।
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