राष्ट्रीय एकता दिवस 2025: पीएम मोदी ने सरदार पटेल को किया नमन, इतिहास की सच्चाई को संरक्षित करने पर दिया जोर


 राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर को पूरे देश में उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर सेलिब्रेट किया जाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए सरदार पटेल के योगदान को याद किया और देश की एकता एवं अखंडता को सर्वोपरि रखने का संदेश दिया।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की राजनीतिक दूरदर्शिता और मजबूत नेतृत्व के कारण देश की 562 रियासतों का सफलतापूर्वक एकीकरण संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि आज भारत एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र के रूप में जिस ऊंचाई पर खड़ा है, उसके पीछे पटेल का निर्णायक योगदान है। पीएम मोदी के अनुसार, “एक बार सरदार पटेल ने कहा था कि देश सेवा से बड़ा कोई सुख नहीं है। मैं भी मानता हूं कि खुद को देश सेवा के लिए समर्पित करने से बड़ा सुख नहीं है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इतिहास को उसके सही स्वरूप में सामने लाया जाना आवश्यक है। उन्होंने टिप्पणी की कि वर्षों से कई ऐसे व्यक्तित्व और योगदानों को पर्याप्त स्थान नहीं मिला, जिन्हें राष्ट्रीय निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि उन सभी महान नेताओं को उचित सम्मान दिलाना और उनकी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना आज की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने युवाओं को विशेष संदेश दिया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी देश की सबसे बड़ी ताकत है और उन्हें सरदार पटेल के अदम्य साहस, राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यबोध से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज विकास, आत्मनिर्भरता और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और सभी नागरिकों को इसके लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा।

प्रधानमंत्री ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का भी उल्लेख किया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और सरदार पटेल के प्रति राष्ट्र के सम्मान का प्रतीक है। उनका कहना था कि यह स्मारक देश की एकता और शक्ति का संदेश देता है और हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है।

अंत में, पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता को बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत तब ही आगे बढ़ सकता है, जब देश के लोग एक-दूसरे का सम्मान करें और मिलकर आगे बढ़ना सीखें।

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