बिहार चुनाव 2025 : दो चरणों में क्यों हो सकता है वोटिंग?


 भारत निर्वाचन आयोग (EC) बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को अंतिम रूप देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पटना में रविवार को संवाददाता सम्मेलन कर स्थिति का जायजा लिया गया, और अब सोमवार को नई दिल्ली में बड़े ऐलान की संभावना है। इसके बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इस बार बिहार चुनाव दो चरणों में हो सकते हैं।

⏳ दो चरणों की संभावना — चुनाव आयोग की मंशा क्या है?

  1. पक्षकारों की राय और रणनीति
    आयोग ने बिहार दौरे के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किया। विपक्ष और कुछ दलों ने दो चरणों का समर्थन किया, जबकि एनडीए ने एक एकल चरण में चुनाव कराने का अनुरोध किया।
    अंततः, आयोग ने संतुलन साधते हुए चुनावों की संख्या कम करने की दिशा में झुकाव दिखाया है।

  2. लॉजिस्टिक एवं सुरक्षा कारण
    बिहार में अलग-अलग जिलों की भौगोलिक विशेषताएं, सीमांचल इलाकों की चुनौतियाँ, सुरक्षा बंदोबस्त और मतदान केंद्रों की संख्या — ये सभी बातें चुनाव आयोजन को जटिल बनाती हैं। आयोग इस बार बूथों पर मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करना चाहता है, ताकि कतारों और इंतजार में कमी हो। 
    एक साथ पूरे राज्य में मतदान कराने से सुरक्षाबलों पर दबाव पड़ेगा, इसलिए चरणबद्ध व्यवस्था अधिक सुरक्षित और सुचारु प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी। मतदाताओं की सुविधा और वापसी

  3. चुनाव आयोग और राजनीतिक दल दोनों ने सुझाव दिया है कि चुनाव छठ महापर्व के बाद कराए जाएँ, ताकि प्रदेश से बाहर काम करने वाले लोग समय से लौट सकें और मतदान में शामिल हो सकें।दो चरणों से यह संभव होगा कि उन इलाके-समय की चुनौतियों को ठीक से समायोजित किया जाए, विशेषकर तब जब बड़े पैमाने पर मतदाता पलायन करते हों।

  4. मतदाता सूची शुद्धिकरण (SIR) और प्रशासनिक तैयारी
    इस चुनाव से पहले आयोग ने बिहार में विशेष गहन समीक्षा (SIR) की, जिसमें मतदाता सूची को “शुद्ध” करने की दिशा में बड़ा काम हुआ — 68.5 लाख नाम हटाए गए और 21.5 लाख नए नाम जोड़े गए।
    इस व्यापक बदलाव के बाद, प्रशासन को सुनिश्चित करना है कि हर बूथ सही तरीके से स्थापित हो, EVM व सुरक्षा इंतजाम पूरी तरह तैयार हों, और आयोग को हर चरण की निगरानी और कार्यान्वयन में समय मिल सके।

इन कारणों के आधार पर, यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने बिहार को दो चरणों में विभाजित करने की योजना इस लिए बनाई है ताकि सुरक्षा, लॉजिस्टिक, मतदाता सुविधा और प्रशासनिक नियंत्रण सभी बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो सकें। सोमवार की घोषणा में हम मतदान-तारीख, चरणों का विभाजन, मतदान और मतगणना की तारीखों की पूरी जानकारी पाएँगे।

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