मेनोपॉज (Menopause) महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक चरण है, लेकिन इस दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में समय रहते सतर्क रहना और जीवनशैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है।
मेनोपॉज और हार्ट डिज़ीज़ का संबंध
-
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घट जाता है, जो महिलाओं के हृदय को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाता है।
-
एस्ट्रोजन कम होने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, जिससे धमनियों में प्लाक जमने लगता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
-
इसके अलावा ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और वजन भी इस उम्र में तेजी से बढ़ने लगते हैं।
किन लक्षणों पर रखें ध्यान?
मेनोपॉज के दौरान और उसके बाद अगर ये लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें:
-
सीने में दर्द या दबाव महसूस होना
-
सांस लेने में तकलीफ
-
दिल की धड़कन का अनियमित होना
-
थकान या कमजोरी
-
हाथ, पीठ या गर्दन में दर्द
हार्ट अटैक से बचाव के तरीके
-
नियमित स्वास्थ्य जांच
-
40 साल के बाद हर महिला को सालाना ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए।
-
-
संतुलित आहार
-
डाइट में हरी सब्जियां, फल, होल ग्रेन, नट्स और ओमेगा-3 से भरपूर फूड शामिल करें।
-
तली-भुनी और ज्यादा मीठी चीजों से बचें।
-
-
एक्सरसाइज और योग
-
रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या हल्का व्यायाम करें। यह वजन और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में मदद करता है।
-
-
तनाव पर नियंत्रण
-
ध्यान, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखते हैं।
-
-
धूम्रपान और अल्कोहल से दूरी
-
स्मोकिंग और अल्कोहल हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ा देते हैं।
-
निष्कर्ष
मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का अहम मोड़ है और इस दौरान स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। हार्ट अटैक का खतरा जरूर बढ़ जाता है, लेकिन सही खानपान, नियमित जांच और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।
0 टिप्पणियाँ