यूनिसेफ (UNICEF) की ताज़ा रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। अब दुनिया में कुपोषण से पीड़ित दुबले बच्चों की तुलना में मोटापे का शिकार बच्चे ज्यादा हो गए हैं। यह स्थिति न केवल विकसित देशों में, बल्कि विकासशील देशों में भी तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और साउथ अफ्रीका जैसे देशों में हालात बेहद गंभीर हैं।
मोटापे की बढ़ती समस्या
पहले जहां बच्चों के लिए पोषण की कमी और दुबलापन सबसे बड़ी चुनौती हुआ करता था, वहीं अब समस्या का स्वरूप बदल गया है। आधुनिक जीवनशैली, फास्ट फूड की बढ़ती खपत और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण बच्चों में ओबेसिटी (Obesity) तेजी से बढ़ रही है। मोटापा सिर्फ शरीर के वजन से जुड़ी समस्या नहीं, बल्कि भविष्य में डायबिटीज, हृदय रोग और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ाता है।
किन देशों में स्थिति सबसे गंभीर?
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अमेरिका: यहां बच्चों में मोटापा महामारी की तरह फैल चुका है। असंतुलित आहार और जंक फूड इसके प्रमुख कारण हैं।
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साउथ अफ्रीका: बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ा है और यहां शहरी इलाकों में समस्या ज्यादा गंभीर है।
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यूरोप और खाड़ी देश: यहां भी बच्चों की खानपान आदतें और कम होती फिजिकल एक्टिविटी ओबेसिटी की बड़ी वजह बन रही हैं।
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एशियाई देश: भारत, चीन और इंडोनेशिया में भी मोटे बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है, हालांकि ग्रामीण इलाकों में अब भी दुबलापन चुनौती बना हुआ है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
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दुनिया में अब दुबले बच्चों की तुलना में ज्यादा बच्चे ओवरवेट या ओबेस हैं।
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बच्चों की डाइट क्वालिटी खराब हो रही है, जिसमें शुगर और फैट से भरपूर फूड का सेवन बढ़ा है।
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एक्सरसाइज और आउटडोर गेम्स में कमी आई है, जिससे शारीरिक फिटनेस लगातार गिर रही है।
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मोटापा सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को भी प्रभावित कर रहा है।
क्या है समाधान?
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि और हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतें बचपन से ही सिखाना जरूरी है। स्कूलों में पोषण शिक्षा, जंक फूड पर रोक और पैरेंट्स की जागरूकता इस संकट से निपटने में अहम भूमिका निभा सकती है।
निष्कर्ष
UNICEF की रिपोर्ट दुनिया को चेतावनी देती है कि अब बच्चों में मोटापा नई स्वास्थ्य महामारी बन चुका है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं, अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा होगा।
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