सस्ते प्रीपेड प्लान हटाए जाने पर TRAI की प्रतिक्रिया


 

जियो और एयरटेल के कदम पर बोला नियामक – "फिलहाल हस्तक्षेप की जरूरत नहीं"

हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों जियो और एयरटेल द्वारा अपने सबसे किफायती प्रीपेड प्लान को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटाए जाने की खबरों ने यूजर्स को चिंता में डाल दिया। खासकर 249 रुपये के एंट्री-लेवल प्रीपेड पैक को बंद करने या सीमित करने की बात सामने आई, जिसे आम ग्राहकों के लिए सबसे सस्ता और लोकप्रिय विकल्प माना जाता था।

TRAI का बयान

इन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इस मामले में किसी तरह के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। नियामक ने कहा कि टेलीकॉम सेवाओं की उपलब्धता और मूल्य निर्धारण पर लगातार नजर रखी जा रही है।

TRAI का कहना है कि टेलीकॉम ऑपरेटरों को मार्केट की परिस्थितियों और अपनी व्यावसायिक रणनीति के अनुसार प्लान्स में बदलाव करने की स्वतंत्रता है, जब तक कि यह उपभोक्ता हितों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित न करे।

कंपनियों का तर्क

जियो और एयरटेल का कहना है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से 249 रुपये वाला एंट्री-लेवल पैक हटाए जाने का मतलब यह नहीं है कि यह पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। कई मामलों में ये प्लान अब भी ऑफलाइन चैनल्स (रिटेल स्टोर्स) के जरिए उपलब्ध हैं।

इसके पीछे कंपनियों का तर्क है कि वे धीरे-धीरे डिजिटल यूजर्स को उच्चतर डेटा और वैल्यू-एडेड सर्विस वाले प्लान्स की ओर ले जाना चाहती हैं।

उपभोक्ताओं की चिंता

249 रुपये का यह पैक सीमित बजट वाले ग्राहकों, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों के यूजर्स के बीच बेहद लोकप्रिय था। इसके हटने की आशंका से उपभोक्ताओं को डर है कि अब उन्हें ज्यादा महंगे प्लान्स लेने पड़ सकते हैं।

सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने शिकायत की कि टेलीकॉम कंपनियां धीरे-धीरे सस्ते पैक्स को खत्म कर प्रीमियम सेवाओं पर फोकस कर रही हैं।

आगे क्या?

TRAI ने साफ किया है कि वह उपभोक्ता हितों पर निगाह बनाए हुए है। अगर भविष्य में कंपनियों के कदम से बड़ी संख्या में ग्राहकों पर नकारात्मक असर पड़ता है, तो नियामक आवश्यक कार्रवाई करेगा।

फिलहाल के लिए TRAI का मानना है कि स्थिति इतनी गंभीर नहीं है कि तत्काल हस्तक्षेप किया जाए।


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