Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि खत्म होते दशहरा पर जीव-जंतु कम पड़ने की चेतावनी


 शारदीय नवरात्रि 2025 अपने अंतिम चरण में है और इस अवसर पर वृंदावन के कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु इंद्रेश उपाध्याय ने भक्तों को खास संदेश दिया। उन्होंने नवरात्रि के दौरान नॉनवेज खाने से परहेज करने की सलाह दी और इसके पीछे प्रकृति और पर्यावरण दोनों के महत्व को बताया।

नॉनवेज खाने से जुड़ी चेतावनी

उपाध्याय ने प्रवचन के दौरान कहा कि नवरात्रि का समय केवल भक्ति और उपासना का नहीं है, बल्कि यह जीवों के प्रति संवेदनशीलता का भी अवसर है। उनका कहना था कि नॉनवेज खाने से सिर्फ स्वास्थ्य को नुकसान नहीं होता, बल्कि इसके कारण कई जीव-जंतु भी प्रभावित होते हैं।

  • उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि दशहरे पर जंगल और गांव में जीव-जंतु कम दिखाई देने लगे हैं

  • उनका कहना था कि यह प्राकृतिक असंतुलन का संकेत है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।

नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व

इंद्रेश उपाध्याय ने यह भी बताया कि नवरात्रि के नौ दिन केवल व्रत और पूजा तक सीमित नहीं हैं।

  • यह समय शुद्ध भोजन, संयम और आहार पर नियंत्रण का है।

  • नॉनवेज का त्याग केवल शरीर के लिए फायदेमंद नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

  • उन्होंने कहा कि शुद्ध आहार लेने से मानसिक और शारीरिक ऊर्जा बढ़ती है और भक्तों का ध्यान भगवान पर अधिक केन्द्रित रहता है।

पर्यावरण और जीव-जंतुओं का संरक्षण

गुरु इंद्रेश ने स्पष्ट किया कि नॉनवेज से परहेज करने का एक उद्देश्य जीव-जंतुओं का संरक्षण भी है। उनका कहना था कि इंसानों के व्यवहार में बदलाव आने से ही प्राकृतिक संतुलन बना रहता है। उन्होंने भक्तों से आग्रह किया कि वे केवल नवरात्रि के समय ही नहीं, बल्कि सालभर सतत जागरूकता दिखाएं।

निष्कर्ष

Shardiya Navratri 2025 के इस अंतिम चरण में इंद्रेश उपाध्याय का संदेश स्पष्ट है:

  • नवरात्रि में नॉनवेज से परहेज करें।

  • प्राकृतिक संतुलन और जीव-जंतु संरक्षण पर ध्यान दें।

  • शुद्ध भोजन और संयम के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करें।

उनका यह संदेश न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आधुनिक समाज में पर्यावरण और स्वास्थ्य चेतना को भी जागृत करने वाला कदम है।

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