यूपी: संपत्ति रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव, अब सभी पक्षों को मिलेगा OTP


 उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया को और सुरक्षित व पारदर्शी बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब से किसी भी प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री के दौरान जुड़े सभी व्यक्तियों के मोबाइल नंबर पर ओटीपी (OTP) भेजा जाएगा। यह बदलाव जालसाजी और फर्जीवाड़े को रोकने के उद्देश्य से किया गया है।

क्या है नया नियम?

पहले रजिस्ट्री के समय केवल दस्तावेज़ों और पहचान पत्रों की जांच की जाती थी। अब इसके साथ-साथ डिजिटल वेरीफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है।

  • खरीददार और विक्रेता दोनों को रजिस्ट्री से पहले ओटीपी वेरीफिकेशन करना होगा।

  • अगर संपत्ति में एक से ज्यादा खरीदार या विक्रेता हैं, तो हर व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर अलग-अलग ओटीपी जाएगा।

  • रजिस्ट्री तभी मान्य होगी जब सभी पक्षों द्वारा ओटीपी दर्ज कर पुष्टि की जाएगी।

क्यों किया गया बदलाव?

प्रदेश में पिछले कुछ समय से फर्जी रजिस्ट्री और धोखाधड़ी के मामलों में इजाफा हुआ है। कई बार बिना असली मालिक की जानकारी के संपत्ति बेच दी जाती थी। सरकार का मानना है कि डिजिटल वेरीफिकेशन प्रक्रिया से ऐसे मामलों पर लगाम लगेगी।

  • यह कदम ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया मिशन की दिशा में भी अहम साबित होगा।

  • रजिस्ट्री प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी और संपत्ति मालिक का हित सुरक्षित रहेगा।

किसे होगा फायदा?

  • असली संपत्ति मालिक को सबसे बड़ा फायदा मिलेगा, क्योंकि अब उनकी जानकारी और सहमति के बिना रजिस्ट्री संभव नहीं होगी।

  • खरीदार भी सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि उन्हें भरोसा रहेगा कि लेन-देन पूरी तरह वैध है।

  • सरकार और रजिस्ट्री विभाग को भी धोखाधड़ी के मामलों से निपटने में आसानी होगी।

आगे की प्रक्रिया

सरकार ने सभी रजिस्ट्री कार्यालयों को इस नए नियम को तुरंत प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए तकनीकी सिस्टम को भी अपडेट कर दिया गया है। साथ ही नागरिकों को जागरूक करने के लिए सूचना अभियान चलाने की तैयारी है।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला संपत्ति खरीद-बिक्री में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। अब बिना सभी संबंधित पक्षों के ओटीपी वेरीफिकेशन के कोई रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी। यह न केवल आम लोगों को राहत देगा, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में विश्वास भी बढ़ाएगा।

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