Oral Cancer: भारत में बढ़ रहा मुंह के कैंसर का खतरा


 भारत में ओरल कैंसर (मुंह का कैंसर) तेजी से बढ़ रहा है। यह बीमारी अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही; युवा वर्ग में भी इसके मामले बढ़ने लगे हैं। गुटखा, खैनी, पान-मसाला और धूम्रपान इसे होने के प्रमुख कारण माने जाते हैं।

मुंह के कैंसर के कारण

ओरल कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे कई मुख्य कारण हैं:

  1. तंबाकू का सेवन: गुटखा, खैनी, स्नेफ, पान-मसाला और सिगरेट का नियमित इस्तेमाल मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है।

  2. अल्कोहल का अधिक सेवन: शराब का लगातार सेवन भी जोखिम को बढ़ाता है।

  3. मुंह की साफ-सफाई में कमी: दांतों और मसूड़ों की सफाई ठीक तरह से न करना कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।

  4. खराब जीवनशैली: असंतुलित आहार, विटामिन की कमी और प्रदूषण भी योगदान देते हैं।

मिथ बनाम फैक्ट

मिथ 1: सिर्फ बुजुर्गों को होता है

फैक्ट: युवा भी खतरे में हैं। तंबाकू और पान-मसाले का इस्तेमाल कम उम्र से करने वाले युवा जल्दी प्रभावित हो सकते हैं।

मिथ 2: दर्द होने पर ही पता चलता है

फैक्ट: प्रारंभिक स्टेज में ओरल कैंसर में कोई दर्द नहीं होता। अक्सर यह गाल, जीभ या मसूड़ों में छाले या गांठ के रूप में नजर आता है।

मिथ 3: केवल धूम्रपान से होता है

फैक्ट: तंबाकू चबाना और पान-मसाला खाना भी उतना ही खतरनाक है जितना धूम्रपान करना।

लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें

  • मुंह में घाव जो दो-तीन हफ्तों में ठीक न हो

  • जीभ या मसूड़ों में गांठ

  • मुंह या गले में दर्द या जलन

  • खाने या निगलने में कठिनाई

  • मसूड़ों से खून आना

बचाव के उपाय

  1. तंबाकू और पान-मसाले का सेवन बंद करें।

  2. शराब का सेवन सीमित करें।

  3. रोज़ाना मुंह और दांत साफ रखें।

  4. हफ्ते में कम से कम एक बार मुंह के अंदर की जाँच करें।

  5. समय-समय पर डॉक्टर से स्क्रीनिंग कराएं।

कुल मिलाकर, ओरल कैंसर एक गंभीर लेकिन रोकने योग्य बीमारी है। सही जीवनशैली अपनाकर और समय पर जांच कराकर इसका जोखिम काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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