कड़े मुकाबले में मिली जीत
नॉर्वे में हुए संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोरे (Jonas Gahr Støre) की लेबर पार्टी ने कड़े मुकाबले में जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही वे अगले चार साल तक एक बार फिर देश का नेतृत्व करेंगे।
लेबर पार्टी को मिला 28% वोट
चुनाव परिणामों के अनुसार, लेबर पार्टी को कुल 28 प्रतिशत वोट मिले। हालांकि यह पूर्ण बहुमत से कम है, लेकिन सेंटर-लेफ्ट पार्टियों के समर्थन से पार्टी ने सरकार बनाने का रास्ता साफ कर लिया है।
संसद में बहुमत का आंकड़ा पार
नॉर्वे की संसद में कुल 169 सदस्य होते हैं। सरकार बनाने के लिए 85 सीटों का बहुमत जरूरी था। लेबर पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 88 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जो बहुमत के आंकड़े से तीन ज्यादा है। इससे जोनास स्टोरे की सरकार को स्थिरता मिलती दिख रही है।
गठबंधन की भूमिका अहम
लेबर पार्टी की सफलता में सेंटर लेफ्ट पार्टी और सहयोगी दलों का अहम योगदान रहा। इन दलों ने स्टोरे को प्रधानमंत्री पद पर समर्थन देने का ऐलान किया। गठबंधन की यह एकजुटता चुनावी नतीजों में निर्णायक साबित हुई।
आर्थिक और सामाजिक मुद्दे बने चुनावी एजेंडा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार नॉर्वे के चुनाव में आर्थिक स्थिरता, कल्याणकारी योजनाएं और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। स्टोरे ने चुनाव प्रचार में रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और टिकाऊ विकास के वादे किए थे, जिनका असर वोटरों पर साफ दिखा।
पीएम जोनास स्टोरे की चुनौती
हालांकि लेबर पार्टी और उसके गठबंधन ने जीत दर्ज की है, लेकिन सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां भी खड़ी हैं। इनमें तेल और गैस पर निर्भरता कम करना, महंगाई पर नियंत्रण और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना शामिल है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर नॉर्वे की भूमिका को और मजबूत करना भी स्टोरे की प्राथमिकताओं में रहेगा।
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