पैरों में जलन की समस्या कई लोगों को समय-समय पर परेशान करती है। अक्सर लोग इसे थकान, लंबे समय तक चलने या गर्मी का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पैरों में लगातार जलन होना शरीर में छिपी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।
पैरों में जलन क्यों होती है?
पैरों में जलन के कई कारण हो सकते हैं। सबसे सामान्य वजह है ब्लड शुगर का असंतुलन। लंबे समय तक ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा रहने पर नसों को नुकसान पहुंचता है और यह समस्या डायबेटिक न्यूरोपैथी में बदल सकती है। इसके अलावा विटामिन-बी की कमी, थायरॉइड, किडनी या लिवर संबंधी रोग भी पैरों में जलन की वजह बन सकते हैं।
डायबिटीज और न्यूरोपैथी
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डायबिटीज मरीजों में ब्लड शुगर का स्तर अगर नियंत्रित न रहे तो नसें कमजोर होने लगती हैं।
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धीरे-धीरे पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन और जलन जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
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इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है, जो आगे चलकर पैरों में गंभीर घाव और संक्रमण का कारण बन सकती है।
विटामिन और हार्मोनल असंतुलन
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विटामिन B12 और फोलिक एसिड की कमी भी पैरों में जलन का कारण हो सकती है।
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थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन शरीर की नसों और मेटाबॉलिज्म पर असर डालता है, जिससे पैरों में जलन और सूजन जैसी परेशानी बढ़ सकती है।
अन्य गंभीर कारण
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किडनी और लिवर की बीमारी के मरीजों में शरीर से विषैले तत्व बाहर नहीं निकल पाते, जिससे नसों पर दबाव पड़ता है।
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फंगल इंफेक्शन और एलर्जी भी पैरों में जलन पैदा कर सकते हैं।
कब दिखाना चाहिए डॉक्टर को?
अगर पैरों में जलन:
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लगातार कई दिनों तक बनी रहे,
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रात में नींद खराब करने लगे,
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झुनझुनी और सुन्नपन भी साथ हो,
तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
बचाव के उपाय
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ब्लड शुगर कंट्रोल करें – डायबिटीज मरीज नियमित रूप से शुगर लेवल चेक करें।
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संतुलित आहार – विटामिन और मिनरल्स से भरपूर डाइट लें।
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फुट केयर – पैरों की साफ-सफाई और नमी बनाए रखें।
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रेगुलर चेकअप – न्यूरोलॉजिस्ट या डायबिटीज स्पेशलिस्ट से समय-समय पर जांच कराएं।
निष्कर्ष: पैरों में जलन को हल्के में न लें। यह शरीर की गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है। समय रहते जांच और इलाज से न केवल जलन की समस्या से छुटकारा मिलेगा, बल्कि गंभीर जटिलताओं से भी बचा जा सकेगा।
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