कोर्ट का फैसला
अमेरिका के एक संघीय जूरी ने गूगल को $425 मिलियन (लगभग ₹3,754 करोड़) का जुर्माना देने का आदेश दिया है। कारण यह था कि गूगल ने लाखों उपयोगकर्ताओं का डेटा तब भी इकट्ठा किया, जब उन्होंने Web & App Activity ट्रैकिंग को बंद कर रखा था। यह मामला जुलाई 2020 में शुरू हुआ था, जिसमें गूगल पर यह आरोप लगाया गया था कि जुलाई 2016 से सितम्बर 2024 तक कंपनी ने तीसरे पक्ष की ऐप्स (जैसे Uber, Venmo, Instagram) के माध्यम से उपयोगकर्ताओं का डेटा निजी सेटिंग्स बंद होने के बावजूद भी इकट्ठा और उपयोग करती रही।
दोष सिद्ध, लेकिन सजा नहीं बढ़ाई
जूरी ने गूगल को दो आरोपों—गोपनियता का उल्लंघन (invasion of privacy) और अलग-थलग रखने में घुसपैठ (intrusion upon seclusion)—में दोषी पाया। हालांकि, कंपनी के कृत्य में 'दुष intent' (malice) नहीं पाया गया, इसलिए कोई अतिरिक्त दंडात्मक (punitive) जुर्माना नहीं लगाया गया।
मामला, प्रभावित उपयोगकर्ता और डिवाइस
यह वर्ग कार्रवाई (class action lawsuit) लगभग 98 मिलियन उपयोगकर्ताओं और 174 मिलियन उपकरणों को कवर करती है। उपयोगकर्ताओं ने पहले $31 अरब से अधिक हर्जाना मांगा था, लेकिन अदालत ने केवल $425 मिलियन की राशि को मंजूरी दी।
गूगल की प्रतिक्रिया
गूगल ने यह निर्णय "गलत व्याख्या" करार दिया है। कंपनी का कहना है कि उनके उत्पादों का फंक्शनिंग समझने में यह निर्णय चूक है—जब उपयोगकर्ता पर्सनलाइजेशन को बंद करते हैं, तब गूगल उनकी पसंद का सम्मान करता है। गूगल का तर्क है कि जो डेटा इकट्ठा किया गया वह प्स्यूडोनमस (पते के बिना) था और उपयोगकर्ता की पहचान से संबंधित नहीं था।
विशेषज्ञों पर क्या असर?
अभियोजकों के वकील और नागरिक अधिकार समूह इसे निजता संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण विजय मान रहे हैं। उनकी माने तो यह फैसला टेक कंपनियों को स्पष्ट संदेश है कि उपयोगकर्ता की सहमति के बिना उनके डेटा को इकट्ठा नहीं किया जा सकता
सारांश में:
-
क्या हुआ? उपयोगकर्ताओं ने ट्रैकिंग बंद कर दी थी, लेकिन गूगल ने ट्रैकिंग जारी रखी।
-
मुकर्रर जुर्माना? $425 मिलियन (~₹3,754 करोड़)।
-
कैसे? Web & App Activity बंद होने पर भी डेटा संग्रहकारी गतिविधियाँ।
-
गूगल की प्रतिक्रिया? फैसला समझ में गलती—डेटा निजी व प्स्यूडोनमस था।
-
निष्कर्ष? यह घटना डेटा गोपनीयता के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता का संकेत है।
.jpg)
0 टिप्पणियाँ