Reshaping India Conclave में गडकरी का विज़न
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की कीमतें पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के बराबर हो जाएंगी। यह बयान उन्होंने Reshaping India Conclave में दिया, जहां उन्होंने सड़क सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण पर भी विस्तार से चर्चा की।
EVs को लेकर सरकार का रोडमैप
गडकरी ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में सस्ती और टिकाऊ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी उपलब्ध कराना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जैसे-जैसे EV टेक्नोलॉजी और बैटरी निर्माण की लागत घटेगी, वैसे-वैसे ईवी और पारंपरिक वाहनों के बीच की कीमतों का अंतर खत्म हो जाएगा।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार की नीतियां इस दिशा में तेजी से काम कर रही हैं, और लोगों को भविष्य में ईंधन खर्च से राहत मिलेगी।
प्रदूषण कम करने पर फोकस
गडकरी ने कहा कि देश में बढ़ते प्रदूषण को रोकने में इलेक्ट्रिक वाहनों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने बताया कि अगर लोग EV अपनाते हैं, तो यह न केवल उनके लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद होगा, बल्कि पर्यावरण को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में ईवी से कार्बन उत्सर्जन काफी कम होता है, जिससे ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा।
रोड सेफ्टी भी है बड़ी चुनौती
सड़क परिवहन मंत्री ने इस मौके पर रोड सेफ्टी पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं। सरकार का लक्ष्य न सिर्फ EV को बढ़ावा देना है बल्कि सड़क सुरक्षा के मानकों को भी और सख्त करना है।
गडकरी ने कहा कि इसके लिए नई तकनीकों, बेहतर सड़क डिज़ाइन और सख्त कानूनों पर काम किया जा रहा है।
भारत की EV क्रांति की ओर कदम
नितिन गडकरी के अनुसार, भारत तेजी से एक ईवी क्रांति की ओर बढ़ रहा है। आने वाले कुछ वर्षों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछाया जाएगा ताकि देश के हर हिस्से में इलेक्ट्रिक वाहन आसानी से चल सकें।
उन्होंने कहा कि जैसे ही बैटरी तकनीक और घरेलू उत्पादन में सुधार होगा, EV की कीमतें पेट्रोल-डीजल वाहनों के समान होंगी, और तब आम उपभोक्ता बिना हिचकिचाहट के इन्हें अपनाएंगे।
निष्कर्ष
नितिन गडकरी के इस बयान से साफ है कि सरकार भारत को स्वच्छ ऊर्जा और सुरक्षित यातायात की दिशा में तेजी से ले जाने की योजना पर काम कर रही है। अगर EV की कीमतें सच में पेट्रोल-डीजल वाहनों के बराबर हो जाती हैं, तो यह देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और पर्यावरण दोनों के लिए एक ऐतिहासिक बदलाव होगा।
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