युवाओं में बढ़ रहा है ‘ई-थ्रोम्बोसिस’ का खतरा
आधुनिक जीवनशैली और लंबे समय तक बैठकर काम करने की आदत अब गंभीर बीमारियों को जन्म दे रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऑफिस में लगातार कई घंटे बैठकर काम करना खतरनाक साबित हो सकता है। इसी कारण युवाओं में तेजी से एक नई समस्या सामने आ रही है जिसे ‘ई-थ्रोम्बोसिस’ (E-Thrombosis) कहा जा रहा है।
क्या है ई-थ्रोम्बोसिस?
ई-थ्रोम्बोसिस उस स्थिति को कहते हैं जब लंबे समय तक बैठे रहने से पैरों की नसों में खून का थक्का (Blood Clot) बनने लगता है।
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सामान्यत: खून का थक्का तब बनता है जब रक्त का प्रवाह धीमा या अवरुद्ध हो जाता है।
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ऑफिस में घंटों तक कंप्यूटर पर बैठे रहने से पैरों की मूवमेंट कम हो जाती है और ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
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यही स्थिति धीरे-धीरे गंभीर थ्रोम्बोसिस का रूप ले सकती है।
क्यों बढ़ रहा है खतरा?
आजकल युवाओं की दिनचर्या का बड़ा हिस्सा लैपटॉप और कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बीतता है।
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लगातार 7-8 घंटे तक बैठे रहने की आदत
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बीच-बीच में चलने या स्ट्रेचिंग न करना
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शारीरिक गतिविधियों की कमी
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खराब खानपान और कम पानी पीना
ये सभी कारण मिलकर ई-थ्रोम्बोसिस का खतरा बढ़ा रहे हैं।
क्या हैं लक्षण?
विशेषज्ञ बताते हैं कि ई-थ्रोम्बोसिस के शुरुआती लक्षण अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
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पैरों में सूजन और भारीपन
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अचानक दर्द या अकड़न
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पैरों की त्वचा का लाल या नीला पड़ जाना
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लंबे समय तक बैठने के बाद थकान महसूस होना
अगर समय रहते इलाज न मिले तो यह स्थिति फेफड़ों तक ब्लड क्लॉट पहुंचाने का कारण भी बन सकती है, जो जानलेवा है।
कैसे करें बचाव?
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हर 30-40 मिनट में खड़े होकर चलें या स्ट्रेचिंग करें।
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पर्याप्त पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
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ऑफिस चेयर पर बैठते समय पैरों को क्रॉस न करें।
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दिनचर्या में योग और एक्सरसाइज को शामिल करें।
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लंबे समय तक एक ही पोजिशन में काम करने से बचें।
निष्कर्ष
विशेषज्ञों का मानना है कि ई-थ्रोम्बोसिस आधुनिक कार्यशैली की बीमारी है। ऑफिस में लगातार बैठकर काम करने की आदत धीरे-धीरे गंभीर स्वास्थ्य संकट में बदल सकती है। इसलिए समय-समय पर शरीर को एक्टिव रखना और जीवनशैली में बदलाव लाना बेहद जरूरी है
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