एयरपोर्ट सेवाओं पर बड़ा असर
ब्रिटेन के सबसे व्यस्त हीथ्रो एयरपोर्ट पर साइबर अटैक का बड़ा मामला सामने आया है। इस हमले का असर केवल लंदन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ब्रसेल्स और बर्लिन एयरपोर्ट पर भी इसकी गूंज सुनाई दी। हमले के कारण चेक-इन सिस्टम घंटों तक ठप रहा और हजारों यात्रियों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा।
यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम बंद होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई फ्लाइट्स में देरी हुई, तो कुछ उड़ानों को अस्थायी रूप से कैंसिल करना पड़ा। एयरपोर्ट अधिकारियों ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया, लेकिन यात्रियों की नाराजगी साफ झलक रही थी। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी नाराज़गी जताई और सुरक्षा पर सवाल उठाए।
आरोपी गिरफ्तार
ब्रिटेन की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक शख्स को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी ने जानबूझकर एयरपोर्ट के सिस्टम को निशाना बनाया। उस पर कंप्यूटर मिसयूज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि हमले के पीछे की मंशा और संभावित सहयोगियों का पता लगाया जा सके।
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
यह साइबर अटैक केवल ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक एविएशन सिस्टम के लिए भी चेतावनी है। एयरपोर्ट्स पर डिजिटल तकनीक और नेटवर्क पर बढ़ती निर्भरता के कारण साइबर हमले अब सबसे बड़े खतरों में गिने जा रहे हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह हमला और ज्यादा बड़े पैमाने पर होता तो अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात पूरी तरह ठप हो सकता था।
सरकार और एजेंसियों की चिंता
ब्रिटेन सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। साइबर सिक्योरिटी और एविएशन से जुड़ी एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सिस्टम की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएं। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग बढ़ाने की बात कही जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों से निपटा जा सके।
निष्कर्ष
हीथ्रो एयरपोर्ट पर हुआ यह साइबर अटैक एक बड़ा सबक है कि आधुनिक डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा कितनी अहम हो चुकी है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एयरपोर्ट प्रबंधन को न केवल भौतिक सुरक्षा बल्कि डिजिटल सुरक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी।
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