भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फार्मा उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने के फैसले ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। इसी का असर भारतीय बाजार पर भी दिखा।
सेंसेक्स 300 से ज्यादा अंक टूटा
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 300 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी बड़ी गिरावट के साथ कारोबार खत्म करने को मजबूर हुआ। शुरुआती बढ़त के बाद बाजार में बिकवाली का दबाव लगातार बढ़ता गया।
फार्मा शेयरों में भारी बिकवाली
सबसे ज्यादा असर फार्मा सेक्टर में देखा गया। ट्रंप के टैरिफ फैसले के बाद भारतीय फार्मा कंपनियों पर बड़ा दबाव बना। दवा निर्यात से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में जमकर बिकवाली हुई। सिप्ला, डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा और ल्यूपिन जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट आई।
एफआईआई की लगातार निकासी
इस गिरावट की एक और बड़ी वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली रही। हाल के दिनों में एफआईआई घरेलू बाजार से बड़ी मात्रा में पूंजी निकाल रहे हैं, जिससे इंडेक्स पर दबाव और बढ़ गया है। वहीं, घरेलू निवेशक भी अनिश्चित माहौल में सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
वैश्विक बाजारों की कमजोरी का असर
अमेरिका और यूरोप के शेयर बाजारों में भी गिरावट दर्ज की गई। एशियाई बाजारों में भी कमजोरी का रुख देखने को मिला। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, बढ़ते ब्याज दरों और टैरिफ फैसलों की वजह से निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है। इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा।
आगे की स्थिति
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर एफआईआई की बिकवाली का दबाव जारी रहा और वैश्विक बाजारों से नकारात्मक संकेत मिलते रहे तो निकट भविष्य में घरेलू बाजार और दबाव झेल सकता है। हालांकि, आईटी और बैंकिंग सेक्टर में कुछ चुनिंदा स्टॉक्स ने नुकसान को सीमित करने की कोशिश की।
कुल मिलाकर, ट्रंप के टैरिफ फैसले और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने भारतीय शेयर बाजार को झटका दिया है। फार्मा सेक्टर की कमजोरी ने इस गिरावट को और गहरा कर दिया।
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