हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बड़ा राजनीतिक संकेत मिला है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने कहा है कि वह गाजा और अन्य संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए अपने देश की तरफ से सैनिक भेजने के लिए तैयार हैं।
20 हजार इंडोनेशियाई सैनिक भेजने की पेशकश
राष्ट्रपति सुबिआंतो ने स्पष्ट किया कि यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय चाहे, तो इंडोनेशिया 20 हजार शांति सैनिक गाजा में भेज सकता है। उनका कहना था कि यह कदम क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
अन्य देशों में भी भेज सकते हैं सैनिक
सुबिआंतो ने यह भी जोड़ा कि इंडोनेशिया केवल गाजा तक सीमित नहीं रहेगा। यदि जरूरत पड़ी, तो उनके सैनिक यूक्रेन, लीबिया, सीरिया और अन्य संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में भी शांति बनाए रखने के लिए तैनात किए जा सकते हैं।
यहूदियों की सुरक्षा पर जोर
इस अवसर पर उन्होंने यहूदियों की सुरक्षा का भी उल्लेख किया। इंडोनेशिया ने संकेत दिया है कि यहूदियों के अधिकारों और सुरक्षा की बात मुस्लिम देशों की एजेंडा में भी शामिल होनी चाहिए। इस बयान ने पाकिस्तान और सऊदी अरब सहित 59 अन्य देशों के प्रतिनिधियों के बीच चर्चा को उकसाया है।
इजरायल को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वीकार करने की बात
राष्ट्रपति सुबिआंतो ने कहा कि स्थायी शांति के लिए इजरायल को भी स्वीकार करना जरूरी है। उनका मानना है कि बिना किसी पक्ष को नजरअंदाज किए, सभी देशों को बातचीत और सहयोग के जरिए समाधान तलाशना होगा।
वैश्विक प्रतिक्रिया
-
इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
-
कई विशेषज्ञों का मानना है कि इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम बहुल देश का यह रुख शांति प्रक्रिया में नई दिशा दे सकता है।
-
हालांकि, पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देश इस बयान से कुछ हद तक असहज भी महसूस कर सकते हैं।
निष्कर्ष
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो का यह बयान न केवल गाजा संकट के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मुस्लिम दुनिया और इजरायल के बीच संवाद का एक नया अवसर भी खोलता है। उनके 20 हजार शांति सैनिकों के प्रस्ताव और यहूदियों की सुरक्षा पर जोर, वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखे जा रहे हैं।
.jpg)
0 टिप्पणियाँ