नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
एक ताज़ा शोध में यह बात सामने आई है कि कम पानी पीना मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है। स्टडी के नतीजों से पता चलता है कि शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी न मिलने पर दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है और तनाव का स्तर बढ़ जाता है।
स्टडी में क्या पाया गया?
रिसर्च के दौरान यह देखा गया कि जिन प्रतिभागियों ने कम पानी पिया, वे सामान्य रूप से प्यास महसूस नहीं कर रहे थे। लेकिन, उनके शरीर के संकेत कुछ और ही कहानी बता रहे थे।
-
उनकी यूरिन का गाढ़ापन साफ बता रहा था कि शरीर को पानी की कमी झेलनी पड़ रही है।
-
शरीर की यह स्थिति धीरे-धीरे मानसिक और शारीरिक तनाव को बढ़ा सकती है।
पानी और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध
पानी सिर्फ प्यास बुझाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह हमारे नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क के कार्य से भी जुड़ा हुआ है।
-
पर्याप्त पानी पीने से ब्रेन हाइड्रेटेड रहता है और मूड बेहतर होता है।
-
डिहाइड्रेशन से चिड़चिड़ापन, थकान और तनाव बढ़ सकता है।
-
लंबे समय तक पानी की कमी रहने पर यह समस्या एंग्जायटी और डिप्रेशन तक को ट्रिगर कर सकती है।
हर दिन कितना पानी पीना जरूरी?
विशेषज्ञों के मुताबिक, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोज़ाना 2.5 से 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। हालांकि, यह मात्रा उम्र, शारीरिक गतिविधि और मौसम के हिसाब से बदल सकती है।
-
गर्मी के मौसम में या ज्यादा पसीना आने पर शरीर को और अधिक पानी की जरूरत होती है।
-
चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक्स पानी का विकल्प नहीं हैं, बल्कि ये शरीर को और डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह
डॉक्टरों का कहना है कि हमें केवल प्यास लगने पर ही नहीं, बल्कि पूरे दिन नियमित अंतराल पर पानी पीना चाहिए।
-
सुबह उठते ही 1-2 गिलास पानी
-
दिनभर में हल्के अंतराल पर पानी
-
एक्सरसाइज या धूप में रहने के बाद अतिरिक्त पानी
निष्कर्ष
नई स्टडी का संदेश साफ है—अगर आप तनाव कम करना चाहते हैं तो शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि पाचन, ब्लड सर्कुलेशन और इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है।
0 टिप्पणियाँ