घर में सीढ़ियों की सही दिशा तय करेगी आपकी खुशहाली, जानिए जरूरी वास्तु नियम

घर का निर्माण करते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना न सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी बनाए रखता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पहलू है सीढ़ियों की दिशा और उनका स्थान। अगर सीढ़ियां वास्तु अनुसार न बनाई जाएं, तो यह आर्थिक हानि, मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह का कारण बन सकती हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सीढ़ियां दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। यह दिशा सीढ़ियों के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है क्योंकि इससे घर की ऊर्जा सही तरीके से प्रवाहित होती है। सीढ़ियों का दिशा क्रम हमेशा दक्षिण से उत्तर या पश्चिम से पूर्व की ओर ऊपर की तरफ होना चाहिए।

पूर्वोत्तर (ईशान कोण) दिशा में सीढ़ियां बनवाना बेहद अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिशा देवताओं की मानी जाती है और वहां भारी संरचना होने से सकारात्मक ऊर्जा अवरुद्ध हो सकती है।

सीढ़ियों की संख्या विषम में होनी चाहिए जैसे 9, 11, 15 आदि। साथ ही, सीढ़ियों के नीचे भारी सामान या बेकार चीजें नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि इससे घर में नकारात्मकता बढ़ सकती है।

इन छोटे लेकिन प्रभावशाली वास्तु नियमों का ध्यान रखकर आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा, खुशहाली और तरक्की सुनिश्चित कर सकते हैं।

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