नेपाल: नेपो किड्स की शाही लाइफस्टाइल बनी जेन-जी के गुस्से का कारण


 नेपाल में हाल के दिनों में जेन-जी (Gen Z) पीढ़ी का आक्रोश सड़कों पर साफ देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लगे बैन ने आग को भड़काने का काम किया, लेकिन गुस्से की असली वजह इससे कहीं गहरी है। भ्रष्टाचार, बढ़ती बेरोजगारी और नेताओं के परिवारों का ऐशो-आराम भरा जीवन आम युवाओं को खटक रहा है। खासतौर पर नेताओं के बच्चों, जिन्हें "नेपो किड्स" कहा जाता है, का आलीशान जीवन लोगों के बीच असंतोष को और तेज कर रहा है।

लग्जरी लाइफस्टाइल पर नाराजगी

नेपाल के नेपो किड्स अक्सर सोशल मीडिया पर डिजाइनर हैंडबैग, महंगे कपड़े, विदेशी छुट्टियों और लग्जरी कारों के साथ अपनी तस्वीरें साझा करते हैं। जहां एक ओर आम नेपाली युवा नौकरी और रोज़गार के अवसरों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं राजनेताओं के परिवार का यह शाही अंदाज़ जेन-जी को गुस्सा दिला रहा है। युवाओं का कहना है कि यह असमानता देश में पनप रहे भ्रष्टाचार और सिस्टम की नाकामियों की स्पष्ट तस्वीर है।

भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की मार

जेन-जी का आक्रोश केवल दिखावे तक सीमित नहीं है। नेपाल लंबे समय से बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। हालात यह हैं कि बड़ी संख्या में युवा रोजगार की तलाश में विदेश जाने को मजबूर हैं। वहीं, नेताओं और उनके बच्चों का आलीशान जीवन इस असमानता को और उजागर करता है। युवाओं का मानना है कि देश की आर्थिक चुनौतियों और भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कीमत आम जनता चुका रही है।

सोशल मीडिया बैन बना ट्रिगर पॉइंट

हाल ही में सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए बैन ने युवाओं के गुस्से को और भड़का दिया। सोशल मीडिया न केवल उनके लिए अभिव्यक्ति का मंच है बल्कि रोजगार और संवाद का जरिया भी है। इस बैन को जेन-जी ने अपनी आवाज दबाने की कोशिश बताया। इसके बाद से ही सड़कों पर विरोध प्रदर्शन तेज हो गए।

जेन-जी का संदेश

नेपाल की जेन-जी पीढ़ी का संदेश साफ है – उन्हें पारदर्शिता, समान अवसर और ईमानदार नेतृत्व चाहिए। वे नेताओं और उनके परिवारों की आलीशान लाइफस्टाइल को लोकतंत्र और समानता की भावना के खिलाफ मानते हैं। यही वजह है कि नेपो किड्स का मुद्दा अब केवल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि यह नेपाल के मौजूदा राजनीतिक संकट की जड़ों में से एक बन चुका है।

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