भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। मंगलवार को हुए चुनाव में जीत हासिल करने वाले सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार, 12 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य और कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
विपक्षी उम्मीदवार को हराकर दर्ज की जीत
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में राधाकृष्णन का मुकाबला इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी से था। मतदान में राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को अपेक्षाकृत कम समर्थन मिल पाया। इस जीत ने न केवल एनडीए के संख्याबल को साबित किया बल्कि राधाकृष्णन के लिए उपराष्ट्रपति पद तक का रास्ता भी साफ कर दिया।
राजनीतिक सफर
सीपी राधाकृष्णन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। वे दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और संगठनात्मक स्तर पर भी पार्टी में कई जिम्मेदारियाँ निभा चुके हैं। राजनीति में उनकी साफ-सुथरी छवि और अनुभव को देखते हुए एनडीए ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था। चुनाव में उनकी जीत ने एक बार फिर दिखाया कि उनकी लोकप्रियता केवल पार्टी तक सीमित नहीं है, बल्कि संसदीय हलकों में भी उन्हें व्यापक समर्थन प्राप्त है।
समारोह में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी
शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। संसद भवन परिसर में हुए इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति पद से हाल ही में मुक्त हुए जगदीप धनखड़ भी नजर आए। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री, विपक्षी दलों के नेता और कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
उपराष्ट्रपति पद का महत्व
भारत के उपराष्ट्रपति न केवल देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होते हैं, बल्कि वे राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। ऐसे में राधाकृष्णन की जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उनसे उम्मीद है कि वे राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच संतुलन बनाकर कामकाज को सुचारू रूप से चलाने में अहम भूमिका निभाएँगे।
राधाकृष्णन की शपथ के साथ ही अब देश को नया उपराष्ट्रपति मिल चुका है और सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वे आने वाले समय में संसदीय राजनीति और राष्ट्रीय मुद्दों को किस तरह दिशा देते हैं।
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