खराब कॉर्निया ट्रांसप्लांट कराकर भी देख सकेंगे नेत्रहीन, डॉक्टरों ने निकाला नया फॉर्म्युला


 

आंखों की समस्याओं का बढ़ता खतरा

आजकल आंखों से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। स्क्रीन टाइम, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और प्रदूषण की वजह से लोगों की दृष्टि कमजोर हो रही है। कई मामलों में कॉर्निया (आंख का पारदर्शी हिस्सा) खराब हो जाता है, जिससे व्यक्ति धीरे-धीरे अंधेपन की ओर बढ़ने लगता है।

कॉर्निया ट्रांसप्लांट में बड़ी दिक्कत

अंधेपन के इलाज में कॉर्निया ट्रांसप्लांट सबसे अहम माना जाता है। लेकिन समस्या यह है कि हर साल जितने मरीज कॉर्निया ट्रांसप्लांट की लिस्ट में जुड़ते हैं, उतनी संख्या में डोनर कॉर्निया उपलब्ध नहीं हो पाते। इसके अलावा कई बार ट्रांसप्लांट के लिए मिले कॉर्निया की गुणवत्ता भी सही नहीं होती।

डॉक्टरों का नया फॉर्म्युला

अब डॉक्टरों ने एक कमाल का फॉर्म्युला खोज निकाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब खराब या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कॉर्निया का भी ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा। रिसर्च के अनुसार, नई तकनीक की मदद से ऐसे कॉर्निया को विशेष प्रोसेसिंग के जरिए इस लायक बनाया जाएगा कि वह मरीज की आंखों में फिट होकर रोशनी वापस ला सके।

कैसे काम करता है यह तरीका?

डॉक्टरों ने बताया कि इसमें खराब कॉर्निया के प्रभावित हिस्से को विशेष तकनीक से हटाकर स्वस्थ हिस्से को संरक्षित किया जाता है। फिर इस हिस्से को मरीज की आंखों में प्रत्यारोपित किया जाता है। इससे ट्रांसप्लांट रिजेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है और मरीज को दोबारा सामान्य दृष्टि मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

नेत्रहीन मरीजों के लिए नई उम्मीद

इस खोज से लाखों नेत्रहीन मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। अब अच्छे कॉर्निया की कमी की वजह से इलाज अटकने की समस्या कम होगी। खराब या आंशिक रूप से खराब कॉर्निया भी इस तकनीक से उपयोग में लाए जा सकेंगे।

विशेषज्ञों की राय

नेत्र रोग विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह तकनीक व्यापक स्तर पर लागू हो जाती है तो भारत जैसे देशों में, जहां कॉर्निया डोनर की भारी कमी है, वहां अंधेपन के मामलों में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।

निष्कर्ष

कॉर्निया ट्रांसप्लांट में आया यह नया बदलाव आंखों के इलाज में क्रांति साबित हो सकता है। डॉक्टरों का यह फॉर्म्युला उन मरीजों के लिए नई रोशनी की उम्मीद है, जिन्हें अब तक कॉर्निया की अनुपलब्धता के कारण देखने की क्षमता वापस पाने का अवसर नहीं मिल पाता था।

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