दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार को एक बार फिर बम की धमकी वाला ईमेल मिलने से अफरातफरी मच गई। ईमेल में साफ-साफ लिखा था कि "जज रूम/कोर्ट परिसर में तीन बम रखे गए हैं। दोपहर दो बजे तक खाली करा दें।" इस संदेश के वायरल होते ही पूरे कोर्ट परिसर में सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं। एहतियातन कोर्ट परिसर को तुरंत खाली कराया गया और बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड और पुलिस टीमों ने गहन तलाशी अभियान शुरू कर दिया।
धमकी भरा ईमेल और सुरक्षा व्यवस्था
यह धमकी भरा ईमेल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। लिहाज़ा सुरक्षा एजेंसियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एक्शन लिया। कोर्ट के भीतर मौजूद कर्मचारियों, वकीलों और अन्य लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अभी तक किसी तरह की कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है, लेकिन जांच पूरी होने तक किसी भी संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
पहले भी स्कूलों को मिल चुकी हैं झूठी धमकियां
इस तरह की धमकी कोई पहली बार नहीं आई है। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से अगस्त 2025 के बीच दिल्ली-एनसीआर के 100 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों को ईमेल के जरिए बम धमकी मिल चुकी है। इनमें डीपीएस वसंत विहार, अमिटी स्कूल साकेत, सलवान पब्लिक स्कूल, मॉडर्न स्कूल, वसंत वैली स्कूल, सेंट स्टीफंस कॉलेज और श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) जैसे नामचीन संस्थान शामिल हैं।
जुलाई में 50 से ज्यादा स्कूल बने थे निशाना
जुलाई 2025 में तो महज चार दिनों के भीतर 50 से ज्यादा स्कूलों को इस तरह की धमकी मिली थी। इससे अभिभावकों और छात्रों में भारी दहशत फैल गई थी। जांच में पाया गया कि ये सभी ईमेल झूठे थे। पुलिस ने इस सिलसिले में एक 12 वर्षीय बच्चे को गिरफ्तार भी किया था, जिसने सेंट स्टीफंस कॉलेज और सेंट थॉमस स्कूल को धमकी ईमेल भेजा था।
हर मामले को गंभीरता से ले रही पुलिस
भले ही अब तक सभी धमकियां झूठी साबित हुई हैं, लेकिन पुलिस और जांच एजेंसियां किसी भी अलर्ट को हल्के में लेने के लिए तैयार नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा से जुड़े मामलों में एक भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। यही कारण है कि हर बार धमकी मिलते ही पूरे तंत्र को अलर्ट पर रखा जाता है और जांच पूरी होने तक सभी पहलुओं को खंगाला जाता है।
कुल मिलाकर, दिल्ली हाईकोर्ट में आई ताजा धमकी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर इन फर्जी ईमेल्स के पीछे कौन लोग हैं और उनका मकसद क्या है। पुलिस अब साइबर विशेषज्ञों की मदद से ईमेल की ट्रैकिंग में जुटी हुई है।
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