नाक के पास पिंपल क्यों बनते हैं?
चेहरे पर पिंपल आना आम समस्या है, लेकिन नाक और उसके आसपास बनने वाले दाने ज्यादा परेशानी पैदा कर सकते हैं। इस हिस्से की स्किन ऑयली होती है और यहां तेल ग्रंथियां अधिक सक्रिय रहती हैं। यही वजह है कि बैक्टीरिया और डेड स्किन पोर्स को ब्लॉक कर पिंपल बना देते हैं।
चेहरे का सबसे सेंसिटिव हिस्सा
नाक के आसपास का हिस्सा जिसे “डेंजर ट्रायंगल” कहा जाता है, बहुत सेंसिटिव होता है। यह हिस्सा माथे से लेकर नाक और मुंह के बीच तक फैला होता है। यहां की नसें सीधे दिमाग की रक्त धमनियों से जुड़ी होती हैं। इसलिए इस क्षेत्र में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है।
पिंपल फोड़ने से क्या हो सकता है नुकसान?
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इंफेक्शन का खतरा
पिंपल फोड़ने से बैक्टीरिया आसानी से त्वचा के अंदर घुस जाते हैं। इससे त्वचा पर गंभीर इंफेक्शन हो सकता है। -
सेप्सिस या खून का संक्रमण
नाक के पास पिंपल फोड़ने पर बैक्टीरिया ब्लड वेसल्स के जरिए दिमाग तक पहुंच सकते हैं, जिससे सेप्सिस या खून का संक्रमण हो सकता है। -
ब्रेन एब्सेस का खतरा
डेंजर ट्रायंगल के पिंपल से इंफेक्शन दिमाग तक फैल जाए तो वहां एब्सेस (फोड़ा) बन सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। -
स्थायी दाग-धब्बे
पिंपल फोड़ने से त्वचा पर स्थायी स्कार और डार्क स्पॉट्स रह जाते हैं। -
दर्द और सूजन
पिंपल फोड़ने के बाद आसपास की त्वचा लाल, सूजी हुई और दर्दनाक हो सकती है।
क्या करें और क्या न करें?
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पिंपल को कभी भी खुद से न फोड़ें।
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चेहरे को दिन में 2–3 बार माइल्ड फेसवॉश से साफ करें।
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एंटी-एक्ने क्रीम या डर्मेटोलॉजिस्ट द्वारा सुझाई दवा का इस्तेमाल करें।
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ज्यादा गंभीर पिंपल की स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
नाक के पास पिंपल भले ही छोटा दिखे, लेकिन यह खतरनाक साबित हो सकता है। इसे फोड़ने से इंफेक्शन दिमाग तक पहुंच सकता है और कई बार स्थिति जानलेवा भी हो जाती है। इसलिए इसे नजरअंदाज न करें और सही इलाज अपनाएं।
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