वास्तु शास्त्र में जानवरों का भी विशेष महत्व माना गया है, और बिल्ली (Cat) को लेकर लोगों के बीच कई तरह की मान्यताएँ और धारणाएँ प्रचलित हैं। आइए जानते हैं कि घर में बिल्ली पालना वास्तु के अनुसार शुभ होता है या अशुभ
बिल्ली पालने को लेकर वास्तु शास्त्र में मान्यताएँ:
सकारात्मक पक्ष
1. ऊर्जा की पहचान:
बिल्ली बहुत संवेदनशील जानवर होती है और नकारात्मक ऊर्जा को जल्दी महसूस कर लेती है। ऐसी मान्यता है कि बिल्ली अगर किसी स्थान पर ज्यादा समय बिताती है, तो वहाँ सकारात्मक ऊर्जा हो सकती है।
2. धार्मिक मान्यताएँ:
कुछ क्षेत्रों में मां शष्ठी की सवारी बिल्ली मानी जाती है, जो संतान की रक्षा करती हैं। इसलिए कुछ लोग बिल्ली को शुभ मानते हैं।
3. चूहों से बचाव:
प्राचीन समय से ही बिल्ली को घर में चूहे व कीटों से रक्षा के लिए रखा जाता रहा है। यह व्यावहारिक रूप से भी फायदेमंद होता है।
नकारात्मक पक्ष
1. कुछ जगहों पर अशुभ मानी जाती है:
भारत के कुछ हिस्सों में बिल्ली के रास्ता काटने को अशुभ संकेत माना जाता है, हालांकि यह केवल अंधविश्वास है, न कि वास्तु आधारित तथ्य।
2. काली बिल्ली से जुड़ी भ्रांतियाँ:
काली बिल्ली को लेकर बहुत सी नकारात्मक मान्यताएँ हैं जैसे राहु-केतु का प्रभाव, परंतु इसका वास्तु से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता।
3. घर की सफाई और देखभाल:
बिल्ली अगर साफ-सफाई ठीक से न रखी जाए तो घर में गंदगी फैला सकती है, जो वास्तु के अनुसार ऊर्जा के प्रवाह में बाधा बन सकती है।
वास्तु की दृष्टि से सुझाव:
बिल्ली को साफ-सुथरे और सकारात्मक माहौल में रखें।
उसका खान-पान और स्वास्थ्य ठीक रखें।
उसकी देखभाल में लापरवाही न बरतें, वरना यह घर की ऊर्जा पर असर डाल सकती है।
यदि आप आध्यात्मिक या धार्मिक रूप से बहुत संवेदनशील हैं, तो अपने परिवार के विश्वासों के अनुसार निर्णय लें।
बिल्ली पालना वास्तु शास्त्र में न तो पूरी तरह से अशुभ माना गया है और न ही अत्यधिक शुभ। यह काफी हद तक आपकी देखभाल, विचारधारा और घरेलू वातावरण पर निर्भर करता है।
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