Agarbatti Smoke Health Risks: अगरबत्ती और धूपबत्ती का धुआं सेहत के लिए कितना खतरनाक?


 अगरबत्ती और धूपबत्ती की खुशबू अक्सर मन को प्रसन्न करती है और पूजा-पाठ या मेडिटेशन के समय वातावरण को सुगंधित बनाती है। लेकिन विशेषज्ञों की चेतावनी के अनुसार, इसका धुआं स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। लंबे समय तक इस धुएं के संपर्क में रहने से गंभीर बीमारियां, यहां तक कि कैंसर तक का खतरा बढ़ सकता है।

अगरबत्ती और धूपबत्ती का धुआं क्यों खतरनाक?

धुएं में मौजूद स्मोक पार्टिकल्स, सल्फर कंपाउंड और फ्लेमनिंग केमिकल्स फेफड़ों में जाकर गंभीर नुकसान कर सकते हैं। नियमित और लंबे समय तक इस्तेमाल करने से ये हानिकारक पदार्थ शरीर में जमा हो जाते हैं।

विशेषज्ञ बताते हैं कि:

  • अगरबत्ती जलने पर स्ट्रॉन्ग फाइन पार्टिकल्स (PM2.5 और PM10) निकलते हैं। ये सांस के रास्ते में जाकर फेफड़ों तक पहुंचते हैं।

  • धुएं में मौजूद रसायन एलर्जी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों को बढ़ा सकते हैं।

  • लंबे समय तक एक्सपोजर से लंग कैंसर और हृदय रोग का जोखिम भी बढ़ता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह

डॉ. राधिका शर्मा, फेफड़ों की विशेषज्ञ, कहती हैं:
"अगरबत्ती और धूपबत्ती के धुएं को लंबे समय तक बंद कमरे में सांस में लेना हानिकारक है। अगर आप पूजा करते समय इसे जलाते हैं, तो कमरे को वेंटिलेट करना बहुत जरूरी है।"

सुरक्षित इस्तेमाल के उपाय

  1. खिड़की और दरवाजे खोलकर अगरबत्ती जलाएं ताकि धुआं बाहर निकल सके।

  2. कम मात्रा में अगरबत्ती और धूपबत्ती का उपयोग करें।

  3. अगर संभव हो तो इलेक्ट्रिक अगरबत्ती या सेंटेड ऑयल डिफ्यूज़र का इस्तेमाल करें।

  4. बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा/सांस की बीमारी वाले व्यक्तियों को धुएं के पास न आने दें।

  5. पूजा के बाद कमरे में थोड़ी देर वेंटिलेशन करें ताकि हानिकारक पार्टिकल्स बाहर निकल जाएं।

निष्कर्ष

हालांकि अगरबत्ती और धूपबत्ती की खुशबू वातावरण को सुगंधित और मन को शांत करने में मदद करती है, लेकिन इसके धुएं का स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव गंभीर हो सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इसे सुरक्षित तरीके से और कम मात्रा में ही इस्तेमाल करें।

कुल मिलाकर, अगरबत्ती और धूपबत्ती का उपयोग मन और वातावरण के लिए सुखद हो सकता है, लेकिन सावधानी और वेंटिलेशन के बिना यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है

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