माइग्रेन ट्रिगर्स: इन 5 आदतों से बचें


 

हेल्दी लाइफस्टाइल से पा सकते हैं राहत

माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द नहीं है, बल्कि यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो मरीज की दिनचर्या और कामकाज पर गहरा असर डालता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अक्सर हमारी ही कुछ रोज़मर्रा की आदतें माइग्रेन को ट्रिगर करती हैं। अगर समय रहते इन पर ध्यान दिया जाए, तो परेशानी को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

1. नींद का अनियमित पैटर्न

अत्यधिक नींद लेना या नींद की कमी दोनों ही माइग्रेन के बड़े कारण माने जाते हैं। देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करना और सुबह देर से उठना दिमाग पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
क्या करें? रोज़ाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें।

2. डिहाइड्रेशन

पानी की कमी से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन होता है, जिससे सिरदर्द और माइग्रेन का अटैक तेज हो सकता है।
क्या करें? दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और कैफीन या अल्कोहल का सेवन सीमित करें।

3. अनियमित खानपान

लंबे समय तक खाली पेट रहना या जंक फूड का ज्यादा सेवन भी माइग्रेन को बढ़ा सकता है। खासकर प्रोसेस्ड फूड, पैकेज्ड स्नैक्स और फास्ट फूड में मौजूद प्रिज़र्वेटिव्स समस्या को ट्रिगर कर सकते हैं।
क्या करें? संतुलित आहार लें और भोजन का समय निश्चित रखें।

4. तनाव और चिंता

लंबे समय तक तनाव में रहना दिमाग की नसों पर असर डालता है और माइग्रेन अटैक को बढ़ावा देता है।
क्या करें? योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक (Breathing Exercises) को दिनचर्या में शामिल करें।

5. स्क्रीन टाइम की अधिकता

कंप्यूटर, मोबाइल और टीवी स्क्रीन पर ज्यादा देर तक नजरें गड़ाए रखने से आंखों पर दबाव पड़ता है। इससे सिरदर्द और माइग्रेन की संभावना बढ़ जाती है।
क्या करें? हर 30-40 मिनट में स्क्रीन से ब्रेक लें और आंखों को आराम दें।

निष्कर्ष

माइग्रेन से पीड़ित लोगों को अपनी लाइफस्टाइल और आदतों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। नियमित नींद, संतुलित आहार, पर्याप्त पानी और तनाव को कम करने के प्रयास इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।

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