केरल में निजी अस्पताल में सफल हृदय प्रत्यारोपण
केरल में शनिवार को हुई एक बड़ी चिकित्सा सफलता ने सभी का ध्यान खींचा। गंभीर हृदय रोग से जूझ रही 13 वर्षीय एक बच्ची का हार्ट ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह प्रत्यारोपण एक निजी अस्पताल में हुआ और ऑपरेशन के बाद बच्ची की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
दान से बची जिंदगी
इस जीवन रक्षक ऑपरेशन के पीछे 18 वर्षीय एक किशोर की महान पहल है। उसने अपना हृदय दान किया, जिसके कारण बच्ची को नई जिंदगी मिल सकी। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची लंबे समय से हृदय रोग से जूझ रही थी और उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी। ऐसे में हार्ट ट्रांसप्लांट ही उसका एकमात्र विकल्प बचा था।
अस्पताल की भूमिका
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, हार्ट प्रत्यारोपण के लिए विशेष टीम गठित की गई थी। टीम ने न सिर्फ अंग को सुरक्षित रूप से संरक्षित किया, बल्कि उसे समय पर ऑपरेशन थियेटर तक पहुंचाने में भी सफलता पाई। डॉक्टरों ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया बेहद चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन सफल ऑपरेशन के बाद बच्ची अब धीरे-धीरे रिकवरी की ओर बढ़ रही है।
परिवार की भावनाएं
लड़की के परिवार ने हृदय दान करने वाले किशोर और उसके परिवार के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। परिजनों ने कहा कि उनके लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन का भी धन्यवाद किया जिन्होंने ऑपरेशन को सफल बनाया।
क्या है हार्ट ट्रांसप्लांट?
हार्ट ट्रांसप्लांट एक जटिल सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति का असफल हो रहा हृदय निकालकर, एक डोनर का स्वस्थ हृदय लगाया जाता है। यह प्रक्रिया उन मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित होती है, जिन्हें दवाओं और अन्य उपचारों से सुधार नहीं होता।
समाज के लिए संदेश
इस घटना ने एक बार फिर अंगदान (Organ Donation) की अहमियत को सामने रखा है। अगर लोग अंगदान के प्रति जागरूक हों और स्वेच्छा से आगे आएं, तो हजारों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
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