ट्रंप का दोहरा रवैया: मोदी को बताया ‘सबसे अच्छा दोस्त’, लेकिन भारत पर 100% टैरिफ की वकालत


 

भारत-अमेरिका रिश्तों पर बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर बयानबाजी की है। बुधवार (10 सितंबर) को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ’ पर पोस्ट शेयर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना "सबसे अच्छा दोस्त" बताया। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार से जुड़ी रुकावटों को दूर करने के लिए बातचीत चल रही है और आने वाले हफ्तों में वह मोदी से इस विषय पर चर्चा करेंगे।

ट्रंप ने लिखा, “मुझे खुशी है कि भारत और अमेरिका व्यापार पर बातचीत कर रहे हैं। मैं अपने बहुत अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि दोनों देशों के लिए यह बातचीत सकारात्मक नतीजे लेकर आएगी।”

यूरोपीय संघ को भारत पर टैरिफ लगाने की सलाह

लेकिन इसी बीच ट्रंप ने यूरोपीय संघ (EU) से ऐसा बयान दिया जिससे भारत की चिंता बढ़ सकती है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने EU से कहा कि जब तक भारत और चीन रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करते, तब तक उन पर 100 फीसदी टैरिफ लगा दिया जाए। उनका कहना है कि रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत जैसे देशों पर कड़े आर्थिक कदम उठाने होंगे।

रूस पर दबाव की रणनीति

ट्रंप ने यह भी साफ किया कि रूस को कमजोर करने के लिए वैश्विक स्तर पर समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि यूरोपीय साझेदारों को भी कदम उठाना चाहिए। ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने बयान दिया कि “हम पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन तभी कदम उठाएंगे जब यूरोपीय साथी हमारे साथ खड़े होंगे।”

ट्रंप का दोहरा चरित्र

विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप के बयानों में दोहरा रवैया साफ झलकता है। एक तरफ वह भारत को अपना सबसे अच्छा दोस्त बताते हैं और मजबूत रिश्तों की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की वकालत करते हैं। इससे अमेरिका-भारत संबंधों पर नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।

भारत की स्थिति

भारत लंबे समय से रूस से ऊर्जा खरीदता रहा है, क्योंकि यह उसकी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है। अमेरिका और यूरोपीय संघ लगातार भारत पर दबाव बनाते रहे हैं कि वह रूस से आयात कम करे, लेकिन भारत अब तक अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देता आया है।

निष्कर्ष

ट्रंप के हालिया बयानों से यह स्पष्ट है कि अमेरिका की नीति में व्यापार और भू-राजनीति का जटिल मेल है। जहां एक ओर ट्रंप भारत को अहम साझेदार बताते हैं, वहीं दूसरी ओर रूस के मुद्दे पर भारत के खिलाफ सख्त आर्थिक उपायों की बात करते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले हफ्तों में मोदी-ट्रंप बातचीत से क्या नया रास्ता निकलता है।

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