भारत में डिजिटल भुगतान को और सरल और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया जा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) जल्द ही बायोमेट्रिक आधारित UPI पेमेंट सिस्टम लागू करने पर काम कर रही है। इसके तहत अब फिंगरप्रिंट या फेस ID के ज़रिए ही भुगतान को मंजूरी दी जा सकेगी। यानी अब UPI ट्रांजैक्शन के लिए PIN दर्ज करने की जरूरत नहीं होगी।
अब तक का सिस्टम क्या था?
वर्तमान में UPI ट्रांजैक्शन के लिए 4-6 अंकों का PIN दर्ज करना अनिवार्य होता है। हालांकि, यह प्रक्रिया खासकर सीनियर सिटिज़न और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होती है।
बायोमेट्रिक सिस्टम से मिलेंगे फायदे
बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से लेनदेन न केवल ज्यादा सुरक्षित होंगे बल्कि उन्हें आसान और तेज भी बनाया जा सकेगा। यह उन यूज़र्स के लिए फायदेमंद है जिन्हें पासवर्ड याद रखने या स्मार्टफोन चलाने में दिक्कत होती है।
अन्य बदलाव
अब ऑटो-डेबिट ट्रांजैक्शन केवल सुबह 10 बजे से पहले या रात 9:30 बजे के बाद ही प्रोसेस होंगे। इसके अलावा, एक दिन में बैंक अकाउंट डिटेल्स 25 बार और पेंडिंग ट्रांजैक्शन स्टेटस 3 बार ही चेक किए जा सकेंगे, हर बार 90 सेकंड के अंतर से।
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