ई-कॉमर्स डेटा से CPI और सटीक
भारत सरकार ने खुदरा महंगाई दर (CPI) को और प्रासंगिक बनाने के लिए Amazon और Flipkart जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से सीधा डेटा लेने का फैसला किया है। सांख्यिकी मंत्रालय ने 12 बड़े शहरों से ऑनलाइन प्राइस डेटा स्क्रैप करना शुरू कर दिया है और कंपनियों से साप्ताहिक औसत दाम साझा करने को कहा है।
क्यों जरूरी है यह बदलाव
भारत में 2024 में 27 करोड़ ऑनलाइन खरीदार थे और यह संख्या हर साल लगभग 22% बढ़ रही है। घरेलू खर्च में ई-कॉमर्स का हिस्सा तेजी से बढ़ने के कारण अब इसे महंगाई की गणना में शामिल करना अहम हो गया है।
नया CPI और ISP
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नया CPI सीरीज अगले साल से लॉन्च होगी, जिसमें ई-कॉमर्स प्राइस, एयरफेयर और OTT सब्सक्रिप्शन रेट शामिल होंगे।
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खर्च के पैटर्न बदलने के चलते CPI में खाने का वजन (weightage) घटाया जाएगा।
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साथ ही, सरकार Index of Service Production (ISP) भी ला रही है, जो सर्विस सेक्टर की तिमाही ग्रोथ मापेगा।
सांख्यिकी ढांचे में बड़े सुधार
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नया GDP सीरीज (बेस ईयर 2022-23) अगले दो साल में आएगा।
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रोजगार सर्वे में अब हर महीने लगभग 90,000 घरों से डेटा लिया जाएगा, ताकि आंकड़े ज्यादा विश्वसनीय बनें।
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पीरियडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) को भी अंतरराष्ट्रीय मानकों से जोड़ा जा रहा है।
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