शक्ति से ही शांति संभव
महू (इंदौर) स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित रण संवाद 2025 कार्यक्रम में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने दुश्मनों को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत भले ही शांतिप्रिय देश है, लेकिन हम ‘शांतिवादी’ नहीं हैं। शक्ति के बिना शांति एक यूटोपियन सोच है। जनरल चौहान ने राष्ट्रकवि दिनकर की पंक्तियों का हवाला देते हुए कहा—“क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो।” यानी शांति की वास्तविक गारंटी केवल शक्ति से मिल सकती है।
भविष्य की जंग और तीनों सेनाओं की भूमिका
सीडीएस ने कहा कि आने वाला युद्ध बेहद खतरनाक होगा और उसमें जीत केवल थलसेना, नौसेना और वायुसेना के संयुक्त प्रयास से ही संभव है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रण संवाद का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा नहीं, बल्कि भविष्य की युद्ध रणनीति पर विचार करना है।
सुदर्शन चक्र मिशन और भारत की तैयारी
जनरल चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सुदर्शन चक्र मिशन पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस दिशा में डीआरडीओ ने इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का सफल परीक्षण किया है। वर्ष 2035 तक यह प्रणाली भारत के लिए आयरन डोम की तरह सुरक्षा कवच बनेगी।
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